सिंगरौली जिले के चितरंगी तहसील के नेवारी से एक अनोखा मामला सामने आया है जहा एक जिन्दा आदमी को कागजो में मरा हुआ करार दिया गया है।बेहद गरीब बुजुर्ग रामु साकेत जिनकी उम्र करीब(75) है जब खुद के पास जमीन नही होने के कारण दो महीने पहले सरकारी योजना के तहत जमीन मांगने तहसील गए तो वहां मौजूद अधिकारियों ने उनके कागज देख, बताया कि आप मर चुके हैं।रामु साकेत यह सुनकर भौचक्का रह गये।किसी तरह उन्होंने कहा कि साहब मैं तो जिंदा हूं,पूरा का पूरा आपके सामने, मै मर कैसे सकता हूं।तो अधिकारियों ने कहा ये तो तुम कह रहे हो, कागज में तो तुम तो मर गए हो और कागज मायने रखते है, इसलिए तुम्हें जमीन नहीं मिल सकती, जाकर पहले खुद के जिन्दा होने के कागज लाओ।
किसी तरह हैरान परेशान रामु साकेत कई दफ्तरों के चक्कर लगाने के बाद डीएम अरूण परमार के पास पहुचें। जहाँ डीएम को प्रार्थना पत्र देकर कहा कि हुजूर मैं जिंदा हूं।लेकिन मुझे सरकारी कागजों में मर गया हु। मुझ गरीब को कागजों में जिंदा कर दीजिए, आप मुझे सरकारी कागजों में जिंदा कर देंगे, तो सरकारी योजना के तरह भूमि मिल जाएगी। अब केवलआप से ही उम्मीद है।मामले में अब जिला अधिकारी अरुण परमार जांच करवा रहे हैं।और कह रहे है जांच में जो भी दोषी मिलेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जल्द ही गलतियों को ठीक कर लेंगे।हम भी उम्मीद कर रहे है की रामू साकेत जल्द ही जिन्दा हो जायेंगे.