सीहोर। आंखें हमारे लिए अनमोल हैं और इसके बिना हम इस खूबसूरत दुनिया को नहीं देख सकते। शहर के गंगा आश्रम स्थित गोविन्द नेत्रालय के नेत्र सर्जन और नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. जितेन्द्र मंधानी ने गत दिनों आष्टा निवासी भारतीय सेना में जवान 25 वर्षीय विजेन्द्र सिंह सिसौदिया का विश्व स्तरीय आपरेशन कर सफलतापूर्वक ट्राइफोकल लेंस लगाने में कामयाबी हासिल की है।
शहर के गंगा आश्रम में महानगर की तर्ज पर पिछले दस सालों से गोविन्द नेत्रालय मरीजों के भरोसे का प्रतीक बना हुआ है। नवीनतम तकनीक और अनुशासित तौर-तरीकों से सुसज्जित एक अत्याधुनिक नेत्र अस्पताल जो यह सुनिश्चित करता है कि मरीजों को सस्ती कीमत पर सर्वोत्तम नेत्र देखभाल सेवाएं उपलब्ध हों। इसकी स्थापना एक छत के नीचे संपूर्ण नेत्र देखभाल की दृष्टि से की गई थी। यहां पर आने वाले मरीजों को पूरे आदर के साथ ईश्वर की सेवा भाव से उपचार किया जाता है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. जितेन्द्र मंधानी नेत्र रोग के क्षेत्र में किसी पहचान के मोहताज नहीं है और अब तक दस हजार से अधिक मरीजों के मोतियाबिंद सहित नेत्र संबंधित आपरेशन कर चुके है।
भारतीय सेना के जवान का सफल आपरेशन
गत दिनों भारतीय सेना के जवान का शहर के गंगा आश्रम स्थित गोविन्द नेत्रालय में डॉ. मंधानी के द्वारा सफल आपरेशन किया गया था, जिसमें ट्राइफोकल लैंस लगाया, जिससे आपरेशन के बाद बिना किसी चश्में के तीन प्रकार की नजर निकट दृष्टि, मध्यम दृष्टि और दूर दृष्टि पुन: आ जाती है। इसमें पढ़ना लिखना कम्प्यूटर पर कार्य करना दूर की चीजों को देखना बिना चश्में के संभव हो जाता है।, पहले ऐसे लैंस एवं बिना चीरे की सर्जरी महानगरों में ही उपलब्ध थी, किंतू गोविन्द नेत्रालय ने पिछले 10 सालों से फेको मशीन के माध्यम से बिना चीरे के आपरेशन सुविधा से सीहोर क्षेत्र के दस हजार से अधिक मोतियाबिंद के मरीजों को सीहोर में ही उच्च स्तरीय सर्जरी कर नेत्र ज्योति प्रदान की है।
पूर्व में किया था 102 साल की बुजुर्ग महिला का सफल आपरेशन
डॉ. मंधानी का कहना है कि विगत वर्ष 102 साल की महिला के मोतियाबिंद के सफल आपरेशन के बाद ग्राम हेदरगंज निवासी करीब 98 साल की बुजुर्ग महिला उमरीदेवी का भी सफल आपरेशन किया गया था। उनको काफी समय से धुंधली दृष्टि की शिकायत थी जांच करने के बाद पता चला कि आंख में गंभीर मोतियाबिंद और दृष्टि दोष था। मोतियाबिंद सर्जरी करने की संभावनाओं का अध्ययन किया क्योंकि रोगी बहुत बुजुर्ग थी ओर गर्दन आदि हिलती थी, ऐसे में बिना चीरे का फेको मशीन द्वारा सफलतापूर्वक आपरेशन किया गया है।
दस सालों से अपनी बेमिसाल सेवा नेत्ररोगियों को दे रहे
गोविन्द नेत्रालय विगत दस सालों से अपनी बेमिसाल सेवा नेत्ररोगियों को दे रहा है, शहर के गोविन्द नेत्रालय में मोतियाबिंद के ऑपरेशन अब फेको मशीन से किए जा रहे हैं। लंबे समय से यह सुविधा शुरू हो गई है। अब तक बड़ी संख्या में ऑपरेशन हो चुके हैं। इस मशीन से सर्जरी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि ऑपरेशन बिना चीरे के किया जाता है, जिससे संक्रमण का डर नहीं रहता। मरीज की अस्पताल से जल्दी छुट्टी हो जाती है।