अभिभावकों को गुमराह करके करवा लिया जाता है एड़मिशन, बिना अनुमति व फिटनेस के धडल्ले के साथ स्कूलों में किराए से चलाए जाते हैं स्कूली वाहन?
रीवा: मध्य प्रदेश के रीवा में प्राइवेट स्कूल संचालकों की धोखाधड़ी इस हद तक हावी है कि वह मासूम बच्चों को ही अपने धोखे का शिकार बना रहे हैं। रीवा जिले के गुढ़ तहसील जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान अंतर्गत प्राइवेट स्कूल संचालकों के द्वारा आठवीं की मान्यता लेकर 10वीं तक स्कूल का संचालन किया जा रहा है लेकिन इस ओर ना तो सरकार का ध्यान जा रहा है और ना ही शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों का, प्राइवेट स्कूल संचालक दसवीं की मान्यता नहीं लिए हैं बावजूद इसके दसवीं के छात्रों का प्रवेश अपने विद्यालय में ले लेते हैं और जब परीक्षा का फार्म भरवाना होता है तो वह किसी अन्य विद्यालय से छात्रों का फार्म भरवा देते हैं। प्राइवेट स्कूल संचालक मासूम छात्र छात्राओं से धोखाधड़ी को अंजाम देकर अपनी आमदनी को बढ़ाने के लिए 15 जून से पूरी जुलाई विद्यालय का प्रचार-प्रसार करके अभिभावकों को आकर्षक लुभावने व छात्रों को सुविधाएं देने का वादा करते नजर आते हैं। कुछ विद्यालय संचालक तो विज्ञापन में यहां तक लिखते हैं कि प्रशिक्षित एवं उच्च शिक्षित शिक्षकों द्वारा छात्रों का पठन-पाठन करवाया जाएगा किंतु जब विद्यालय संचालित होती है तो अक्सर देखा जाता है कि विद्यालय में प्रशिक्षित तो दूर की बात है ग्रेजुएट शिक्षक भी नाम मात्र के रहते हैं।
आपको बता दें कि जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान क्षेत्र सहित पूरे जिले में ऐसी कई स्कूलें हैं जिनमें विगत कई वर्षों से बिना रजिस्ट्रेशन लिए ही दसवी व बारहवीं की कक्षाएं संचालित हो रहीं है लेकिन इस ओर शिक्षा विभाग का ध्यान नहीं जा रहा है।स्थानीय प्रशासन को जानकारी होने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं की जाती जिससे साफ तौर पर समझ आता है कि शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों की मिलीभगत से ही पूरा ड्रामा चल रहा है। शिक्षा विभाग की उदासीनता व घोर लापरवाही नौनिहालों पर भारी पड़ रही है साथ ही अभिभावक खुलेआम लुटने को मजबूर है लेकिन इस पर जिला प्रशासन अभी तक किसी प्रकार से कोई सख्त कदम नहीं उठा पा रहा है।इन दिनों छात्र छात्राओं का प्रवेश प्रारंभ है और जल्द ही विद्यालय संचालित हो जाएगी लेकिन इस पर कोई भी कार्यवाही ना करके प्राइवेट स्कूल संचालकों को खुली छूट दी गई है कि वह अपनी मनमानी को अंजाम दे सकते हैं और अभिभावकों को खुलेआम लूट सकते हैं।