जवा/ खबर रीवा जिला अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जवा की है जहा पर स्वास्थ्य केंद्र जवा में अव्यवस्था का आलम है जिसे देखने सुनने वाला कोई नही है अधिकारी निरीक्षण कर खानापूर्ति कर चलते बनते है और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जवा अपने रवैये पर चलता रहता है। जिसके लिए अभी कांग्रेस नेताओं के द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जवा के अव्यवस्थाओ एवं भ्रष्टाचार को लेकर 3 दिवसीय धरना प्रदर्शन भी किया गया है फिर भी वहा के डॉक्टर और नर्सो में कोई सुधार नही आ रहा है। क्योंकि अस्पताल में कोई जिम्मेदार डाक्टर ही नही है एक प्रभार बीएमओ ज्ञानेंद्र त्रिपाठी को बैठाया गया है जिसकी निष्क्रियता के चलते सभी कर्मचारी मनमानी हो गए है कुल मिलाकर कहा जाय तो ये अस्पताल भ्रस्टाचार का केंद्र बना हुआ है
इसी तरह का एक और मामला सामने आया है जहा पर कुशहा निवासी महिला एक गर्भवती महिला को अस्पताल में डिलेवरी कराने हेतु भर्ती कराया गया है डिलेवरी के बाद वहा पर पदस्थ्य नर्स के द्वारा 1000 रुपये की मांग की गयी तो पहले तो नर्स से मना कर दिया, नही मानी तो डरकर गरीब महिला ने जो उसके पास 700 रुपये थे दे दिए, इसके बाद उसके पास चाय तक के लिए पैसे नही बचे थे सो गांधी तिराहे के पास चाय की दुकान में जाकर दुकानदार को सारी बाते बताई तो उन्होंने मानवता का परिचय देते हुए मुक्त में चाय नाश्ता दिए।।
सवाल यही की आखिर इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जवा में कब तक लूट होती रहेगी। जबकि भाजपा सरकार खुले मंच से महिलाओ के लिए हर योजना का लाभ देने की बात करती है लेकिन हकीकत यही है कि महिलाओ और बच्चियों के लिए ये घोषणाएं सिर्फ वादों तक सीमित है जहा आज भी हर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और उप स्वास्थ्य केंद्र में जांच की जाए तो बड़ा घोटाला और अस्पतालों से अधिकारी कर्मचारी नदारत मिलेंगे। इसी बजह से लोगो को प्राइवेट डॉक्टरों का सहारा लेना पड़ रहा है । जिसमे सीएमएचओ रीवा एवं प्रभार बीएमओ जवा की बड़ी निष्क्रियता मानी जा रही है।