Chhattisgarh Election 2023: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव का अभी ऐलान भी नहीं हुआ है, लेकिन बीजेपी चुनाव समिति की बैठक कर उम्मीदवारों के चयन में जुट गई है. बीजेपी के चुनावी इतिहास में ऐसा पहली बार है जब चुनाव की घोषणा से पहले उम्मीदवारों के सेलेक्शन में पार्टी जुटी है.
बीजेपी चुनाव समिति की बैठक में छत्तीसगढ़ की B, C और D कैटेगरी की कुल 27 विधानसभा सीटों को लेकर चर्चा हुई. सभी के लिए उम्मीदवारों के पैनल पर भी चर्चा की गई है.
बता दें कि विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक बुधवार (16 अगस्त) को दिल्ली में हुई, जिसमें छत्तीसगढ़ की ‘बी’, ‘सी’ और ‘डी’ कैटेगरी की सीटों पर विस्तार से चर्चा हुई. बीजेपी ने चार कैटगरी बनाई हैं. ‘ए’ कैटगरी का मतलब है- जहां जीत मिली.
किस कैटेगरी में कितनी सीटें?
सूत्रों के मुताबिक, चर्चा में राज्य इकाई की तरफ से सीटों के कैटेगराइजेशन को केंद्रीय चुनाव समिति के सामने रखा गया. जिन 27 सीटों को लेकर चर्चा हुई, उनमें से कुल 22 सीटें ‘बी’ और ‘सी’ कैटेगरी और 5 सीटें ‘डी’ कैटेगरी में विभाजित की गई हैं.
बी, सी और डी कैटेगरी की सीटों का मतलब क्या है?
‘बी’ कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया है जिन पर बीजेपी उम्मीदवार कभी हारे और कभी जीते हैं, ‘सी’ कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया जिन्हें पार्टी दो बार से ज्यादा हारी है, ‘डी’ कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया है जिन पर बीजेपी कभी नहीं जीती है. इन कमजोर सीटों पर उम्मीदवारों के नामों के पैनल पर भी चर्चा हुई है.
करीब डेढ़ घंटे तक चली इस बैठक में छत्तीसगढ़ की इन 27 सीटों पर उम्मीदवारों के पैनल के अलावा स्थानीय मुद्दों को लेकर भी चर्चा की गई. सूत्रों के मुताबिक, हर सीट पर जातिगत समीकरण को ध्यान में रखकर जिताऊ उम्मीदवारों के नामों पर भी चर्चा की गई है, लेकिन अभी यह साफ नहीं है कि इन उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कब की जाएगी.
2018 के छत्तीसगढ़ चुनाव में ऐसा रहा था रिजल्ट
बता दें कि 2018 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा था. तब बीजेपी को 90 विधानसभा सीटों में से सिर्फ 15 पर जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस ने राज्य के चुनावी इतिहास में सबसे ज्यादा 68 विधानसभा सीटें जीतकर सरकार बनाई थी. हालांकि, उसके तुरंत बाद हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने जबरदस्त वापसी करते हुए 11 सीटों में से 9 सीटें जीती थीं. अब बीजेपी समय से पहले चौकन्ना होकर चुनाव की तैयारी में जुट गई है और पिछले लोकसभा चुनाव की जीत को इस बार विधानसभा में बदलना चाहती है.