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अमेरिका के कब्जे में एलियन, कर रहा सीक्रेट रिसर्च:इन दावों के पीछे की कहानी; क्या धरती के बाहर जीवन है? - Thekhabardar
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अमेरिका के कब्जे में एलियन, कर रहा सीक्रेट रिसर्च:इन दावों के पीछे की कहानी; क्या धरती के बाहर जीवन है?

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एलियंस यानी दूसरी दुनिया के प्राणी और UFO यानी उड़ने वाले अज्ञात ऑब्जेक्ट्स की चर्चा जोरों पर है। वजह एक बार फिर अमेरिका। पिछले हफ्ते अमेरिकी संसद की सुनवाई में मिलिट्री के तीन पूर्व अधिकारियों ने दावा किया कि अमेरिका के कब्जे में एलियन और UFO हैं, जिसकी रिवर्स इंजीनियरिंग पर सीक्रेट रिसर्च चल रही है। हालांकि, अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने इन दावों को खारिज किया है।

  • केवल मानवी कल्पना में एलियन

हिंदू माइथॉलजी में तीन लोको का जिक्र है स्वर्ग लोक भूल लोक और पाताल लोक।
प्राचीन सुमेरियन माइथोलॉजी में अनुन्नकी का जिक्र है। यह देवताओं का एक समूह था जो स्वर्ग से धरती पर आया था । यानी कई धर्म ग्रंथों में धरती के परे भी जीवन की कल्पना की गई है।
करीब 2000 साल पहले यूनानी लेखक उसने अपने किताब ‘A True history’ में कुछ यात्रियों की कहानी लिखी है, जो एक बवंडर में फस कर चांद तक पहुंच गए थे। और वहां अजीबोगरीब प्राणी देखे थे।
जैसे – पंख वाले घोड़े, हाथियों जितने पिस्सू।

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करीब 1000 साल पहले जापानी कहानी ‘The Baumbu Cutters Dughter’ में एक लड़की का जिक्र है, जो चांद से आई है।

इसके अलावा प्राचीन काल के कुछ पुरानी पेंटिंग और कार्विंग्स में, स्पेसशिप जैसी चीजों को दर्शाया गया है।

  • विज्ञान की नजर में एलियन

18 वीं सदी तक दूसरी दुनिया के प्राणियों का जिक्र आता तो वह, ज्यादातर चांद या सूरज से जुड़े होते थे। क्योंकि यही धरती से साफ दिखाई देते हैं।

1870 के दशक में इटली के खगोल विज्ञानी ‘जियोवानी वर्जनियो शिरापरेली’ ने टेलिस्कोप से मंगल को देखा और दुनिया को इसके बारे में बताया।

इसके बाद मंगल ग्रह के लोगों पर कहानियां बनने लगी।

लंदन ट्रुथ मैगजीन में मंगल के धरती पर हमला करने की कहानी।

‘Arial Average to other worlds’ किताब में मंगल के 9 फीट लंबे जीवो की कहानी।

‘The War Of The Worlds’ किताब में मंगल मंगल ग्रह के लोगों के धरती पर हमले की कहानी।

  • UFO देखने के किस्से

24 जून 1947 को अमेरिका के प्राइवेट पायलट और बिजनेसमैन ‘केनेथ अर्नाल्ड’ ने सेटल पहाड़ी के पास 9 UFO उड़ते देखे आर्नोल्ड के मुताबिक यह V शेप में उड़ रहे थे और उनकी स्पीड 2000 किलोमीटर प्रति घंटे की थी।

1961 में अमेरिकी कपल ‘बेट्टी और बर्नी हिल’ ने दावा किया कि उन्हें अमेरिका के न्यू है हेंपशायर में दूसरी दुनिया से आए लोगों ने अगवा कर लिया था।

यह खबर छपते ही अलग-अलग इलाकों में UFO देखने की खबरें आने लगीं।
सबसे चर्चित किस्सा है न्यू मैक्सिको के रोजवेल इलाके का है। जुलाई 1947 में आर्मी ने दावा किया कि उन्हें उड़नतश्तरी यानी UFO का हिस्सा मिला है बाद में मुकर गए और कहा कि वह वेदर बैलून था।

1980 में इंग्लैंड के ‘रेंडलशम फॉरेस्ट’ में अमेरिकी एयरफोर्स के कुछ लोगों को UFO जैसी कोई चीज़ दिखी थी। और थोड़ी देर में गायब हो गई।

ऐसी घटनाओं ने ‘कांस्पिरेसी थ्योरी’ को हवा दी कि, अमेरिका सरकार को UFO और दूसरी दुनिया के प्राणी मिल चुके हैं, लेकिन वह इसे दबाने की कोशिश कर रहे हैं।

  • अमेरिका के इन्वेस्टिगेशंस

1947 से 1969 तक अमेरिकी एयरफोर्स ने ‘प्रोजेक्ट ब्लू बुक’ नाम से एक जांच ऑपरेशन चलाया।

इसमें UFO से जुड़ी करीब 13,000 रिपोर्ट्स की जांच की गई। लेकिन यह सामान घटनाएं थी, यानी कोई हवाई जहाज या नॉर्मल ऑब्जेक्ट।

1947 में हुई रोजवेल की इस घटना पर सरकार ने बताया कि वह UFO का मलवा नहीं, बल्कि सोवियत यूनियन के पपरमाणु परीक्षण पर नजर रखने के लिए एक सीक्रेट सर्विलांस बैलून था।

2007 से 2012 के बीच एडवांस्ड एयरोस्पेस आईडेंटिफिकेशन प्रोग्राम (AATIP) लॉन्च हुआ बाद में प्रोग्राम बंद कर दिया गया।

2020 में प्रोग्राम शुरू किया गया जिसे अन-आईडेंटिफाइड एरियल फिनोमिना टास्कफोर्स नाम दिया गया। इस टास्क फोर्स की रिपोर्ट 25 जून 2021 को जारी की गई।

144 UFO के बाद कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला। हालांकि एलियंस के संभावना को पूरी तरह खारिज भी नहीं किया गया।

  • एरिया 51 का रहस्य

जून 2019 में अमेरिकी पॉडकास्टर जो रोगन के शो में कॉन्स्प्रेरेंसी थ्योरिस्ट बॉब लजार ने दावा किया कि, उन्होंने area51 में एलियंस टेक्नोलॉजी की रिवर्स इंजीनियरिंग पर काम किया था।

एरिया 51 अमेरिका के नेवाडा में रेगिस्तान के बीच में स्थित एक मिलिट्री टेस्टिंग साइट और एयर फोर्स फैसिलिटी सेंटर है। शुरुआत से ही इसके बारे में बाहरी दुनिया को बहुत कम जानकारी थी।

1955 में उस वक्त के अमेरिकी राष्ट्रपति आईसेन हावर एक सीक्रेट लोकेशन तलाशने को कहा था। जहां अमेरिका के खुफिया जहाजों की टेस्टिंग हो सके।

जुलाई 1955 में विमान बनाने वाली कंपनी लॉकहीड, CIA और वायु सेना के कर्मचारी इस क्षेत्र में काम करने के लिए पहुंच गए। उन्होंने U-2 विमान बनाया जो उस वक्त सामान विमानों से बहुत ऊपर उड़ सकता था।

अमेरिकी दस्तावेज के मुताबिक उस वक्त किसी को यकीन नहीं था कि 60,000 फीट से भी ऊपर कोई चीज उड़ान भर सकती है। इसलिए आसमान में ऐसी चीज देखने पर, UFO देखे जाने की रिपोर्ट आती थी।

2013 में अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA ने एरिया 51 के मशहूर खुफिया परिक्षण क्षेत्र के होने की पुष्टि कर दी है। हालांकि यह एक टेस्टिंग फेस है, ना कि कोई एलियन रिसर्च की जगह

  • भारत में भी दिखे UFO

1951 में दिल्ली के फ्लाइंग क्लब के मेंबर्स ने एक ऑब्जेक्ट को आसमान में देखा था। यह शिगार के आकार का था, थोड़ी देर देखने के बाद यह आसमान में गायब हो गया।

29 अक्टूबर 2017 को एक तेजी से उड़ते हुए चमकीले ऑब्जेक्ट को कोलकाता के पूर्वी छोर पर देखा गया।
हलाकी इसको कैमकॉर्डर से भी रिकॉर्ड किया गया था। बाद में इसकी पहचान प्लेनेट वीनस के रूप में हुई।

2013 के बाद से चेन्नई से लखनऊ तक ऐसे ऑब्जेक्ट को देखना काफी का मन हो गया था। यह ऑब्जेक्ट बुलेट के आकार के होते थे। और रात में दिखाई देते थे। इन्हें करीब 10 मिनट तक आसमान में घूमते हुए देखा गया। हालांकि भारत सरकार ने ऐसी कोई भी फिनोमिना को कभी इन्वेस्टिगेशन करने की कोशिश नहीं की, जिस तरह से अमेरिका और अन्य देश करते रहे हैं।

  • दुनिया के कई देशों में स्टडी

अमेरिका के पेंटागन टास्क फोर्स ने UFO पर स्टडी की। लेकिन एलियन होने का कोई पुख्ता डाटा नहीं मिला है।

चीन ने 500 मीटर का एक स्फेरिकल टेलीस्कोप लगाया है। इसका मिशन एलियंस के कम्युनिकेशन सिग्नल का पता लगाना है।

फ्रांस की स्पेस एजेंसी CNES भी UFO को देखने की रिपोर्ट जुटा रही है।

रूस में ROSCOSMOS, SRIAS जैसी एजेंसियां ऐसी घटनाओं का एनालिसिस करती है।

  • क्या धरती के बाहर भी जीवन है?

साइंस कम्युनिटी के अधिकांश लोगों का मानना है कि, इस ब्रह्मांड में धरती के अलावा भी इंसानों की तरह इंटेलिजेंट प्रजातियां हो सकते हैं।
हमारी आकाशगंगा में 30 करोड़ ग्रह हैं। पृथ्वी के आकार का कोई ग्रह अगर किसी खास क्लाइमेट जोन में हो तो, वहां जीवन की संभावना हो सकती है।

अमेरिका की एस्ट्रोफिजिकल जर्नल के एक आर्टिकल के मुताबिक हमारी आकाशगंगा में हमारे अलावा 36 इंटेलीजेंट सभ्यताएं हो सकते हैं।

हालांकि एलियंस अभी तक धरती पर आए या नहीं इस पर स्थिति साफ नहीं है।

UFO वैज्ञानिकों के लिए एक अजूबा है, क्योंकि इसके बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। देखे गए ज्यादातर ऑब्जेक्ट उल्का पिण्ड, टूटते तारे और शुक्र ग्रह हो सकते हैं।

1969 में कोलोराडो यूनिवर्सिटी ने UFO पर पहली अकैडेमिक स्टडी पब्लिश कि। इसके मुताबिक पिछले साल 21 सालों में ऐसा कुछ भी नहीं मिला। जिसने यह UFO की स्टडी में कोई साइंटिफिक नॉलेज जोड़ा हो।

रोचेस्टर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर का मानना है कि यूके वीडियो में कुछ भी नहीं है।

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