उज्जैन गरोठ राष्ट्रीय राजमार्ग एक ऐसा मार्ग है जिस पर उज्जैन की जनता के लिए कोई कनेक्टिविटी नहीं है। यहां तक कि जिन किसानों की जमीने गई है उन्हें बाजार मूल्य का एक चौथाई मुआवजा भी नहीं मिला उल्टे उन्हें आने जाने में उनकी समस्याएं बढ़ी है। न केवल किसान बल्कि आसपास के कॉलोनी वालों एवं औद्योगिक क्षेत्र वालों को भी परेशानी है। चकोर पार्क से करौंदिया एवं अन्य ग्राम के लिए बने डामर रोड की कनेक्टिविटी नहीं है। मयंक परिसर वालों के लिए जो अंडरपास बना है वह पर्याप्त ऊंचा नहीं है, वहां पानी निकासी में भी दिक्कतें हैं। दोनों और सर्विस रोड नहीं मिलने से एक खेत के दो हिस्से होने पर भी कनेक्टिविटी नहीं रहेगी जिससे किसान एक ओर से दूसरी ओर नहीं जा पाएंगे। कई पॉइंट पर पुराने नाले बंद कर दिए गए हैं। ऐसी कहीं और समस्याएं हैं जिससे आने वाले 50 साल तक उज्जैन इन समस्याओं से जुझता रहेगा।
पूर्व आईएएस डॉ हीरालाल त्रिवेदी ने बताया कि उन्होंने इन समस्याओं के संबंध में राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों को कई पत्र लिखें परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने उज्जैन के सभी जनप्रतिनिधियों को भी पत्र लिखकर आगाह किया परंतु उन्होंने भी कोई ध्यान नहीं दिया। अत: आज पीड़ित किसानों एवं राजमार्ग के आसपास की कालोनी के पुरुषों एवं महिलाओं ने उज्जैन कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर डॉ हीरालाल त्रिवेदी के नेतृत्व में कलेक्टर नीरज कुमार सिंह को ज्ञापन दिया। कलेक्टर द्वारा सभी समस्याओं को ध्यान से सुना गया उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एम एल पुरबिया को एसडीएम एवं किसानों के साथ मौका निरीक्षण करने एवं समस्याओं का शीघ्र निदान ढूंढने के निर्देश दिए।
ज्ञापन सौंपने में समाजसेवी अजेंद्र त्रिवेदी,ग्राम पटेल अंतर सिंह अटल, दीपक सिंह पवार, भागीरथ सिंह मान सिंह अटल जितेंद्र बारोड़ दुलीचंद अजय सिंह,लोकेंद्र गोंड वीरेन्द्र सिंह अनूप सिंह राजाराम चौधरी दुलीचंद राजोरिया राकेश बैरागी राकेश मालवीय आकाश लकी खटीक तकत सिंह रामस्वरूप लक्ष्मण, सुनील मालवीय आदि साथ में रहे।