जन्म का उत्सव तो सभी मानते हैं, किंतु जो मरण का उत्सव मनाते हैं वह मौत को भी जीत जाते है। जैन परम्परा में मरण को जीतने की इसी कला को समाधिमरण कहते है*।
छत्तीसगढ़ की धर्मनगरी डोगरगढ़ चंद्रगिरी दिगंबर तीर्थक्षेत्र पर समाधि साधनारत दिगंबर जैनाचार्य 108 श्री विद्यासागर जी महाराज ने दिनांक 18 फरवरी 2024 के ब्रम्हमुहूर्त में जीवन की इसी श्रेष्ठतम समाधि अवस्था को प्राप्त किया। मानों एक क्षण के लिए समय का चक्र थम गया। भाजपा के केंद्रीय अधिवेशन दिल्ली में आज कार्यवाही प्रारंभ होने के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमान जेपी नड्डा जी ने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षा मंत्री, आदि उपस्थित सभी विशिष्ट महानुभावों को यह दुखद सूचना देकर गुरुदेव के प्रति मौन श्रद्धांजलि अर्पित कराई। इस अवसर पर देश के प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र जी मोदी ने कहा की समाधि की सूचना मिलने के बाद उनके भक्त और हम सभी शोक में है और हम सब भी शोक में हैं और मेरे लिए तो यह व्यक्ति गत बहुत बड़ी क्षति है। इस समय वह गुरुदेव अपना अपना छोटा सा संघ लिए आत्मा साधना में लिए लीन रहते थे। जबकि उनके द्वारा दीक्षित हजारों शिष्य, शिष्याएं समूचे देश विहार कर रहे है। समाचार फैलते ही समूचे देश के श्रद्धालुओं, भक्तों की भीड़ गुरुदेव के अंतिम दर्शन करने उमड़ पड़ी। मध्यान्ह काल 1 बजे गुरुदेव की विमान यात्रा प्रारंभ होते ही लाखों नयन अश्रुपूरित हो उठे।
“जैनम जयति शासनम, वंदे विद्यासागरम” के उद्घोषों के साथ ही मुनिसंघ के साथ विमान यात्रा अंतिम संस्कारस्थली पर पहुंची। मुनीसंघ के द्वारा किए गए अंतिम धार्मिक अनुष्ठान, भक्तिपाठ संपन्न होते ही प्रतिष्ठाचार्य बाल ब्रह्मचारी विनय भैया जी द्वारा दाह संस्कार की विधि संपन्न की गई। देश के प्रसिद्ध श्रावक श्रेष्ठि श्रीमान अशोक जी पाटनी(R.K.मार्बल) किशनगढ़, प्रभात जी मुंबई, राजा भैया सूरत, अतुल सराफ पूना, विनोद बड़जात्या रायपुर, प्रमोद कोयला दिल्ली, पंकज जी पारस चैनल दिल्ली, दिलीप घेवारे ठाणे, किरीट भाई मुंबई, चंद्रगिरी तीर्थक्षेत्र कमेटी से किशोर जी जैन, चंद्रकांत जैन, सुधीर जैन छुईखदान आदि सभी ट्रष्टिगण उपस्थित थे।हम सबके प्राणदाता, जीवन निर्माता गुरुदेव ने विधिवत सल्लेखना बुद्धिपूर्वक धारण कर ली थी और जागरूक अवस्था में उन्होंने आचार्य पद का त्याग करते हुवे 3 दिन का निर्जल उपवास करते हुवे प्रत्याख्यान किया था। अखंड मौन धारण करके उन्होंने अपनी यह समाधि साधना संपन्न की।
मुख्य मंत्री मोहन यादव के निर्देशन से चेतन कश्यप :केबिनेट मंत्री सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय ने किए अंतिम दर्शन के लिए आये थे।