रीवा कलेक्टर मनोज पुष्प ने दिवाली पर्व पर कुम्हारों को उपहार दिया है। जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा है कि सभी लोग मिट्टी से बने दीपक का उपयोग करें। ध्यान रहे दीये बेचने आ रहे परंपरागत कुम्हारों का कहीं भी प्रवेश शुल्क व बैठकी नहीं लगेगी। उन्होंने नगर निगम, नगर पंचायत, ग्राम पंचायत, पुलिस और राजस्व अमले को सहयोग करने के निर्देश दिए है।
कलेक्टर ने बताया कि नवरात्रि से लेकर दीपावली और देव प्रबोधनी एकादशी तक त्योहारों में मिट्टी से बने दीपों का उपयोग किया जाता है। वहीं दिवाली की जगमगाहट भी मिट्टी के दीपकों से होती है। वहीं माटी से बने दीपक हमारे घर को रोशनी से जगमग करते है। साथ ही गरीब परिवार की आजीविका का साधन भी बनते हैं। जिससे उनके घर में दीपाली मनती है।
माटी के दीपक सहित मिट्टी के बने अन्य बर्तन जैसे कुल्हड़, मटके, गमले, सुराही आदि पर्यावरण के अनुकूल होते हैं। ऐसे में आम जनता दीपावली और अन्य त्यौहारों में मिट्टी के दीपकों का उपयोग कर सुरक्षित पर्यावरण का संदेश दे। साथ ही कलेक्टर ने नगरीय निकायों को माटी के दिए बेचने वालों से प्रवेश शुल्क और बैठकी वसूल न करने के आदेश दिए हैं।
शहर से गांव तक हो आदेश का पालन
कुम्हारों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर ने किसी तरह का टैक्स न लगाने के आदेश दिए हैं। कह है कि सभी विभाग सहयोग करेंगे। ये आदेश शहर से गांव तक लागू रहेगा। स्थानीय वस्तुओं के उत्पाद एवं बिक्री को बढ़ावा देने और गरीबों के कल्याण में सहयोग के लिए ऐसा करना आवश्यक है। इस आदेश का हरहाल में पालन सुनिश्चित करें।