सावन के अंतिम शनिवार पर शनि प्रदोष व्रत: भाग्य चमकाने और समृद्धि पाने का सुनहरा मौका!
अगर आप जीवन में खुशहाली, धन-संपत्ति और परेशानियों से मुक्ति चाहते हैं, तो इस 17 अगस्त को आने वाला शनि प्रदोष व्रत आपके लिए बेहद खास हो सकता है! सावन के आखिरी शनिवार को पड़ने वाला यह व्रत न सिर्फ भगवान शिव और शनिदेव की कृपा प्राप्त करने का अवसर है, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में उन्नति और समृद्धि की कुंजी भी है। मान्यताओं के अनुसार, अगर इस दिन पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से व्रत रखा जाए, तो सभी दुख और कष्टों का अंत निश्चित है।
शनि प्रदोष: एक शक्तिशाली संयोग जो आपकी किस्मत बदल सकता है!
इस बार शनि प्रदोष व्रत पर प्रीति योग, आयुष्मान योग और लक्ष्मी नारायण योग जैसे अत्यंत शुभ योग बन रहे हैं, जो इस दिन की महिमा को कई गुना बढ़ा देते हैं। यह एक ऐसा मौका है जिसे खोने का मतलब है जीवन की अपार खुशियों और अवसरों से वंचित रह जाना!
- त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ: 17 अगस्त, सुबह 8:05 बजे से
- त्रयोदशी तिथि का समापन: 18 अगस्त, सुबह 5:51 बजे तक
- शनि प्रदोष पूजा का मुहूर्त: 17 अगस्त, शाम 6:58 बजे से रात 9:09 बजे तक
- प्रीति योग: सुबह 10:48 बजे तक
- आयुष्मान योग: 18 अगस्त, सुबह 7:51 बजे तक
परेशानियों से छुटकारा और समृद्धि का वरदान!
क्या आपकी कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है? क्या आप आर्थिक संकट या पारिवारिक समस्याओं से जूझ रहे हैं? इस शनि प्रदोष व्रत को पूरी श्रद्धा के साथ करने से शनिदेव की कुदृष्टि से मुक्ति मिल सकती है और आपके जीवन में धन-संपत्ति का आगमन हो सकता है। संतान की प्राप्ति और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भी यह व्रत अचूक माना जाता है। शनिदेव और भगवान शिव की कृपा से आपके सभी कष्ट दूर हो सकते हैं।
पूजा विधि: ऐसे करें और पाएं अपार लाभ!
इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प लें। पूरे दिन उपवास रखें और फलाहार करें, लेकिन अन्न का सेवन न करें। शाम को शुभ मुहूर्त में शिवलिंग का जलाभिषेक करें और बेलपत्र, धतूरा, भांग, चंदन, और शहद से भगवान शिव की पूजा करें। पूजा के दौरान किसी भी शिव मंत्र का जाप करें।
शिव चालीसा का पाठ करें और शनि प्रदोष व्रत की कथा का श्रवण करें। अंत में भगवान शिव की आरती करें और उनसे अपनी सभी समस्याओं से छुटकारा पाने की प्रार्थना करें। अगले दिन सूर्योदय के बाद स्नान कर अपनी क्षमता के अनुसार दान करें और फिर व्रत का पारण करें।
क्यों है यह व्रत आपके जीवन का टर्निंग पॉइंट?
यह व्रत आपको एक नई दिशा दे सकता है, जहां जीवन की हर बाधा दूर हो सकती है और आप सफलता की ऊंचाइयों को छू सकते हैं। इस पवित्र दिन पर किए गए प्रयास कभी व्यर्थ नहीं जाते। इसलिए, इस शनि प्रदोष व्रत को हाथ से जाने न दें और शनिदेव तथा भगवान शिव की अपार कृपा प्राप्त कर जीवन के हर संकट को खत्म करें!