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thekhabardarnews;ओवैसी बोले- मुस्लिम सबसे ज्यादा कंडोम इस्तेमाल कर रहे:भागवत का नाम लेकर फर्टिलिटी रेट गिनाया

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ओवैसी ने हैदराबाद में शनिवार को एक सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, ‘कहते हैं कि पॉपुलेशन कंट्रोल करना है। मुसलमानों की आबादी नहीं बढ़ रही। बेवजह टेंशन में मत आ जाना कि आबादी बढ़ रही है। आबादी गिर रही है हमारी। हर टीवी पर बैठकर बोलते हैं। मुझे टीवी डिबेट में बुलाया तो मैंने कहा था कि मैं मुंह खोल दूंगा तो मत कहना तो समझ में आ गया तो पूछा कि क्या बोलेंगे आप? मैंने कहा कि मैं भाजपा के बड़े लीडरों से शुरुआत करूंगा।

उनके पिता ने कितने बेटे-बेटियां पैदा किए। मुसलमानों का टोटल फर्टिलिटी रेट (TFR) गिर रहा है। सबसे ज्यादा मुसलमानों का ही गिरा, किसी और का नहीं। एक बच्चे के बाद दूसरे बच्चे पैदा करने के बीच का जो वक्त होता है उसे स्पेसिंग बोलते हैं। सबसे ज्यादा स्पेसिंग मुसलमान कर रहे हैं। सबसे ज्यादा कंडोम का इस्तेमाल मुसलमान कर रहे हैं। मोहन भागवत इस पर नहीं बोलेंगे। कहां पॉपुलेशन बढ़ रही है मोहन भागवत साहब।’

अब सवाल-जवाब के जरिए ये पूरी खबर समझ लीजिए कि ओवैसी ने ये बयान क्यों दिया…

जनसंख्या पर ओवैसी का पूरा बयान क्या है?

हैदराबाद के जलसे में AIMIM चीफ ओवैसी ने पूछा कि भाजपा के बड़े नेताओं के पिता ने कितने बेटे-बेटियां पैदा किए।

हैदराबाद के जलसे में AIMIM चीफ ओवैसी ने पूछा कि भाजपा के बड़े नेताओं के पिता ने कितने बेटे-बेटियां पैदा किए।

ओवैसी ने हैदराबाद में शनिवार को एक सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, ‘कहते हैं कि पॉपुलेशन कंट्रोल करना है। मुसलमानों की आबादी नहीं बढ़ रही। बेवजह टेंशन में मत आ जाना कि आबादी बढ़ रही है। आबादी गिर रही है हमारी। हर टीवी पर बैठकर बोलते हैं। मुझे टीवी डिबेट में बुलाया तो मैंने कहा था कि मैं मुंह खोल दूंगा तो मत कहना तो समझ में आ गया तो पूछा कि क्या बोलेंगे आप? मैंने कहा कि मैं भाजपा के बड़े लीडरों से शुरुआत करूंगा।

ओवैसी ने अपने बयान के पीछे क्या फैक्ट रखे?
ओवैसी ने केंद्र सरकार के ही एक हलफनामे का जिक्र किया, जो 2020 में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया गया था। ओवैसी ने कहा कि मोदी सरकार ने खुद अदालत से कहा था कि जनसंख्या नियंत्रण मजबूरी नहीं हो सकती है और न ही सरकार ऐसा चाहती है। ओवैसी ने नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे का भी जिक्र किया और बताया कि देश में TFR 2% तक पहुंच गई है और इसमें भी सबसे कम TFR मुसलमानों की है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि मुसलमानों की TFR कितनी है।


ओवैसी ने अपने बयान के पीछे क्या फैक्ट रखे?

ओवैसी ने केंद्र सरकार के ही एक हलफनामे का जिक्र किया, जो 2020 में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया गया था। ओवैसी ने कहा कि मोदी सरकार ने खुद अदालत से कहा था कि जनसंख्या नियंत्रण मजबूरी नहीं हो सकती है और न ही सरकार ऐसा चाहती है। ओवैसी ने नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे का भी जिक्र किया और बताया कि देश में TFR 2% तक पहुंच गई है और इसमें भी सबसे कम TFR मुसलमानों की है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि मुसलमानों की TFR कितनी है।

भागवत ने क्या कहा था, जो ओवैसी ने जवाब दिया?

नागपुर में संघ के विजयादशमी समारोह में RSS चीफ भागवत ने जनसंख्या पर पॉलिसी बनाने की बात कही थी।

दशहरे के मौके पर भागवत नागपुर स्थित संघ मुख्यालय पर मौजूद थे। यहां उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण और महिला सशक्तिकरण जैसे कई मुद्दों पर बयान दिया। उन्होंने कहा था- जनसंख्या नियंत्रण और धर्म आधारित जनसंख्या संतुलन ऐसे अहम मुद्दे हैं, जिन्हें लंबे समय तक नजंरदाज नहीं किया जा सकता है। एक संपूर्ण जनसंख्या पॉलिसी लाई जानी चाहिए और ये सभी पर बराबरी से लागू हो। धर्म आधारित असंतुलन और जबरदस्ती धर्मपरिवर्तन देश को तोड़ देते हैं। ईस्ट टिमोर, कोसोवो और साउथ सूडान जैसे नए देश धार्मिक आधार पर हुए असंतुलन का उदाहरण हैं। नागपुर में भागवत ने वुमन, पॉपुलेशन, एजुकेशन पर भागवत ने एक घंटे स्पीच दी..

अब जनसंख्या के बारे में कुछ फैक्ट्स जान लीजिए

  • 2011 के सेंसस के मुताबिक, भारत की 1 अरब 20 करोड़ आबादी में 79.8% हिंदू हैं। दुनिया के 94% हिंदू भारत में रहते हैं।
  • भारत की आबादी में मुस्लिमों की हिस्सेदारी 14.2% है। भारत में मुस्लिमों की आबादी दुनिया में केवल इंडोनेशिया से कम है।
  • भारत की आबादी हर महीने 10 लाख बढ़ जाती है। इस लिहाज से भारत 2030 तक दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले देश चीन से आगे निकल जाएगा।

टोटल फर्टिलिटी रेट यानी TFR का सच क्या है?

भागवत ने कहा कि भारत TFR को 2.1 से 2 तक ले आया है। ओवैसी कहते हैं कि मुस्लिमों की TFR सबसे कम है, उन्होंने आंकड़ा नहीं बताया। Pew रिसर्च सेंटर ने सेंसस की रिसर्च की। इसके आधार पर उसने कहा कि मुस्लिमों का TFR 2015 में प्रति महिला 2.6 बच्चे था। इसके बाद हिंदू 2.1 और फिर सबसे कम जैन 1.2। रिसर्च के मुताबिक, ये पैटर्न 1992 की तरह ही है, जब मुस्लिमों का फर्टिलिटी रेट सबसे ज्यादा 4.4 था और इसके बाद हिंदू 3.3 थे।

पॉपुलेशन कंट्रोल का मुद्दा रविवार को एक बार फिर चर्चा में आ गया। वजह है ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुसलिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी का शनिवार को आया एक बयान। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुसलमान बेवजह टेंशन में न आएं। उनकी आबादी बढ़ नहीं, घट रही है।

ओवैसी का ये बयान संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान का जवाब था, जिसमें भागवत ने कहा था कि जनसंख्या नियंत्रण और धर्म आधारित जनसंख्या असंतुलन ऐसे मुद्दे हैं, जिन्हें लंबे समय तक नजरंदाज नहीं किया जा सकता। इस पर ओवैसी बोले- सबसे ज्यादा कंडोम का इस्तेमाल मुसलमान कर रहे हैं पर भागवत इस पर नहीं बोलेंगे। वे डेटा रखकर बात ही नहीं करते।

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