रीवा मुख्यालय से करीब 80 किलोमीटर दूर संचालित सिविल अस्पताल में लाखों करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद हाल बेहाल है। नॉर्मल केश हो अथवा इमरजेंसी केश सिर्फ खानापूर्ति तक पदस्थ चिकित्सकों एवं स्टाफ द्वारा कार्य किया जा रहा है। इनके अव्यवस्थाओं पर जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी व कलेक्टर महोदय इत्यादि अधिकारियों की नजर नहीं पड़ रही है। कोई भी वरिष्ठ अधिकारी अचौक निरीक्षण करने वाला नहीं है। जिससे क्षेत्र की जनता जनार्दन को शासकीय सुविधाओं का बेहतर लाभ मिल सके। प्रतिमाह लाखों रुपए का भुगतान प्राप्त करने वाले चिकित्सक एवं स्टाफ अपने दायित्व का निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं। अस्पताल को रेफर केंद्र का अड्डा बना दिया गया है। सूत्रों की माने तो कई चिकित्सक प्राइवेट स्थलों में अत्यधिक फोकस कर रहे हैं और प्राइवेट मरीजों के बीच काफी समय भी देते हैं। जिससे अच्छी फीस व कमाई हो जाती है। परन्तु सिविल अस्पताल में आने वाले मरीजों को कैसे बेहतर सुविधाएं मिले इस पर फोकस नहीं होता है। ताजा मामला देर रात्रि सोहागी पहाड़ में हुए हादसे के पश्चात सामने आया है। जहां घटनाक्रम में घायल हुए तीनों व्यक्ति सुबह चाकघाट स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल में उपचार करवाते नजर आए हैं। घायलों का कहना है कि एक्सीडेंटल प्रकरण में सिविल अस्पताल में समुचित उपचार नहीं किया गया। उपचार के नाम पर उपस्थित लोगों ने सिर्फ खाना पूर्ति की है जिसकी वजह से उन्हें प्राइवेट अस्पताल की ओर सुबह आना पड़ा। आखिर सिविल अस्पताल में ऐसी स्थिति क्यों बनी हुई है। किसी भी समस्या से पीड़ित मरीज हो उन्हें सिविल अस्पताल में शासकीय सुविधाओं का बेहतर लाभ क्यों नहीं मिल पा रहा है। क्या चिकित्सक और स्टाफ नियमित रूप से अपनी सेवाओं को नहीं दे रहे हैं। अथवा ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर व्यवस्थाएं बनाने में फेल हैं। क्षेत्र के अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के हालत भी भगवान भरोसे है। सूत्रों की माने तो सिविल अस्पताल में विभिन्न प्रकार की अवस्थाएं फैली हुई हैं। जिसका खुलासा अचौक निरीक्षण एवं जांच के पश्चात ही हो सकता है।
: अनुपम अनूप
Home विन्ध्य प्रदेश Rewa Teonthar News: लाखों करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद उपचार खानापूर्ति तक, त्योंथर सिविल अस्पताल का मामला