रीवा- मामला चाकघाट नेशनल हाईवे 30 का है जहां नगर की खूबसूरती में खंबे काफी अहम भूमिका निभा रहें है। ऐसा इसलिये की नेशनल हाईवे 30 का संचालन लगभग 4 वर्ष से अधिक समय बीत रहा है परंतु हाईवे की व्यवस्थाएं आज तक दुरुस्त नहीं हो पाई है। जिसमें सबसे बड़ी अहम भूमिका निर्माण कंपनी और जिम्मेदार अधिकारियों की है। हाईवे में जिन उद्देश्यों की पूर्ति हेतु खंभों को लगाया गया था वह आज तक पूरा नहीं हो सका है। चाकघाट हाईवे नगरीय क्षेत्र के साथ-साथ दो राज्यों की सीमा है और यहां ऐसे हालात बने हुए हैं। इन हालातो को पूर्व में कई बार अधिकारियों को भी अवगत कराया गया एवं लोगों ने शिकायत भी की परंतु अधिकारी ऐसे लोगों के सामने शायद पूरी तरह से नत मस्तक दिखाई दे रहे हैं। हाईवे में सैकड़ो खंभे शोपीस के रूप में प्रारंभ समय ही लगा हुआ हैं। कुछ समय पूर्व इनके हालातो पर प्रकाश डाला गया तो लंबे समय से खराब पड़े एलईडी बल्ब को निकाला तो जरूर गया परन्तु अभी तक अपडेट नहीं किया जा सका है। लोगों की जाने जाएं अथवा आवागमन में समस्याएं हो किसी से कोई लेना देना नहीं है। आखिर टोल टैक्स के द्वारा किन सुविधाओं को लेकर पैसे वसूले जा रहे हैं यह सबसे बड़ा सवाल है। लोगों की मांग है कि नगर की खूबसूरती में चार चांद लगा रहे इन खंभों से संबंधित सभी लोगों को सामूहिक रूप से पुरस्कृत किया जाना चाहिए। जिससे समय पर एलईडी बल्ब अपडेट हो सके और समय के अनुसार रात में प्रकाश व्यवस्थाएं आवागमन करने वाले लोगों को प्राप्त हो।
अनुपम अनूप