सही जांच कर कार्यवाही की मांग, प्रार्थी ने पहले ही बीएमओ त्योंथर को दी थी जानकारी।
त्योंथर/ मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र त्योंथर अन्तर्गत उप स्वास्थ्य केंद्र कुठिला से सामने आया है जहा पर प्रार्थी नवीन सिंह पिता अजीत सिंह ग्राम कुठिला जो दिनांक 11/02/2024 को उप स्वास्थ्य केन्द्र कुठिला में दोपहर लगभग 2 बजे के आसपास दवा लेने गया हुआ था लेकिन उप स्वास्थ्य केन्द्र हमेशा की तरह बन्द मिला।जिसकी जानकारी प्रार्थी के द्वारा तत्काल त्योंथर बीएमओ केबी पटेल को दी गयी थी जिस बात को लेकर सीएचओ खुशबू सिंह अपना विरोध व शिकायत समझ कर लोगो से धमकी दिलाने लगी की और स्वयं कहा कि उल्टा सीधा केस में फँसा दूँगी।उसके बाद खुशबू सिंह के पति के द्वारा एवं पुष्पराज सिंह स्वास्थ्य कर्मी के द्वारा माँ-बहन गंदी गंदी गालियां देकर धमकी भी दी गयी कि घर से बाहर मिल जाओगे तो गाड़ी चढ़ाकर जान से मार दूँगा। जिसका रिकार्डिंग भी प्रार्थी के पास है
तब बिबस होकर प्रार्थी द्वारा 13/02/ 2024 को सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज करा दिया गया उसके बाद स्वास्थ्य कर्मी खुशबू सिंह ने फोन पर अनाप सनाप अपशब्द बोलकर धमकी दी थी कि फर्जी केस में फसा दूंगा और योजना बद्ध तरीके से षड़यंत्र पूर्वक से प्रार्थी के विरुद्ध मन गढ़त कहानी बनाकर पुलिस चौकी त्योंथर और थाना सोहागी में फर्जी रिपोर्ट दर्ज करा दी गयी है जिसमे त्योंथर बीएमओ को सही जानकारी होने के बावजूद भी सीएचओ कुठिला का साथ देने का आरोप लगा है।जिसके लिए प्रार्थी ने एसडीओपी त्योंथर, पुलिस चौकी त्योंथर और थाना सोहागी में आवेदन देकर सही जांच कर कार्यवाही की मांग की है।
आपको बता दे कि इस वक़्त पूरे जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है जिले में सैकड़ो की संख्या में बनी उप स्वास्थ्य केंद्र शो पीस बनी हुई है उप स्वास्थ्य केंद्रों मे डाक्टरों की नियक्ति तो की गई है लेकिन सीएमएचओ और बीएमओ के निष्क्रिय रवैये के चलते कभी जांच एवं कार्यवाही नही होने से पदस्थ स्वास्थ्य कर्मी घर या रीवा से कार्यालय चलाते है।जब कोई शिकायत करता है विभाग जांच करने की बजाय उल्टा अपने विभाग के पक्ष में साथ देते है।जिस बजह से स्वास्थ्य कर्मी मनमानी पर उतारू रहते है जिसका नतीजा सामने है कि शिकायत पर महिला स्वास्थ्य कर्मी द्वारा फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया है।
जिससे यह सिद्ध हों रहा है कि लोकतंत्र और प्रजातंत्र की धज्जिया उड़ रही है। क्योंकि भ्रष्ट एवं लापरवाह व्यवस्था का विरोध जनता अगर वरिष्ठ अधिकारी से करें तो अधिकारी व्यवस्था को सुधारने की बजाय उल्टा फर्जी केस में फ़साने का षड्यंत्रकर के फरियादी का मुँह बंद कराया जाता है जिससे नौकरशाही स्पष्ट झलकती है।