सतना मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष श्री गिरीश गौतम ने कहा कि बघेली भाषा में अपनत्व और आदर का भाव समाया हुआ है। अपने समाज की गौरवशाली संस्कृति और परंपराओं को बचाए रखना हम सब का महत्वपूर्ण दायित्व है। विधानसभा अध्यक्ष रविवार को उचेहरा विकासखंड के ग्राम पिथौराबाद में प्रसिद्ध बघेली कवि और पद्मश्री से सम्मानित बाबूलाल दाहिया द्वारा स्थापित अनूठे संग्रहालय का लोकार्पण रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सतना सांसद गणेश सिंह ने की। इस मौके पर विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा, जिला पंचायत सदस्य ज्ञानेंद्र सिंह सहित स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि, एसडीएम एचके धुर्वे, एसडीओपी नागौद बालेंदु शर्मा, कषि महाविद्यालय बांदा के वनस्पति शास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ नवीन कुमार पांडेय भी उपस्थित थे।
पद्मश्री बाबूलाल दहिया द्वारा ग्राम पिथौराबाद के स्वयं के मकान में ग्राम्य जीवन और कृषि में उपयोग होने वाले प्राचीनतम औजार, यंत्र एवं दैनिक जीवन में उपयोग आने वाली वस्तुओं का संग्रह कर ‘‘कृषि आश्रित समाज के भूले बिसरे उपकरणों’’ का संग्रहालय स्थापित किया गया है। विधानसभा अध्यक्ष श्री गौतम और सांसद श्री सिंह ने विधिवत संग्रहालय का उद्घाटन किया और संग्रह की गई वस्तुओं का ध्यानपूर्वक अवलोकन भी किया। पद्मश्री बाबूलाल दहिया के घर पर मोटे अनाज के बघेली ग्रामीण व्यंजनों का भोज भी रखा गया था।
विधानसभा अध्यक्ष श्री गौतम ने कहा कि बघेली भाषा और संस्कृति का संरक्षण करने की जरूरत है। उसका एक मूल शब्द कोष भी तैयार किया जाना चाहिए, ताकि हम आने वाली पीढ़ी को अपनी बघेली संस्कृति और परंपराओं का गौरवपूर्ण इतिहास विरासत के रूप में सौंपकर जाएं। उन्होंने कहा कि बाबूलाल दहिया और उनके साथियों ने कृषि ग्राम्य जीवन की उपयोगी प्राचीन वस्तुओं और साहित्य का संरक्षण किया है, वह निःसंदेह प्रशंसनीय हैं। उनके कार्यों की गूंज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मन की बात में भी सुनाई दी है। विधानसभा अध्यक्ष ने बघेली संस्कृति, साहित्य के संरक्षण में योगदान के लिए श्री दहिया की संस्था सर्जना सामाजिक सांस्कृतिक एवं साहित्यिक मंच संस्था को एक लाख रुपये की राशि स्वीकृत करने की घोषणा की।
सांसद श्री गणेश सिंह ने कहा कि पिथौराबाद की धरती ने एक से एक प्रतिभाओं को जन्म दिया है। पद्मश्री बाबूलाल दहिया ने बघेली के सुप्रसिद्ध कवि होने के साथ ग्राम्य कृषि जीवन में प्राचीन काल से उपयोग में आने वाली सामग्री, अनाज, बीज, कृषि यंत्र, दैनिक उपयोग के बर्तन, ग्राम्य शिल्प का संरक्षण, कर उन्हें देशी संग्रहालय के रूप में प्रदर्शित किया है। उन्होंने कहा कि श्री रामलोटन कुशवाहा ने औषधीय पौधों और सब्जियों के बीज का संग्रह कर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की मन की बात में स्थान बनाया। सांसद ने कहा कि आज दुनिया के सभी देश मोटे अनाज के उपयोग को प्रोत्साहित कर रहे हैं। वैज्ञानिक भी बताते हैं कि मोटे अनाज और प्राकृतिक खेती हमें गंभीर बीमारियों से बचाती है। सांसद श्री सिंह ने पद्मश्री बाबूलाल दहिया के प्रयासों की सराहना करते हुए पिथौराबाद में एक पृथक से संग्रहालय भवन बनाने 4 लाख रुपए की राशि देने की घोषणा की। उन्होंने एसडीएम उचेहरा को इसके लिए भूमि तलाशने के निर्देश भी दिए।
विधायक सतना श्री सिद्धार्थ कुशवाहा ने कहा कि आधुनिक भागदौड़ के इस युग में हमारे पूर्वजों के इतिहास और उनकी निशानियों को भूलते जा रहे हैं। अपने ग्राम्य जीवन के दैनिक उपयोग की वस्तुएं, खान-पान, संस्कृति, परंपराएं, कृषि पद्धति सबकुछ विलुप्त होती जा रही है। पद्मश्री दहिया जी ने अपनी पुरातन संस्कृति, परंपराओं से आने वाली पीढ़ी को परिचित कराने का प्रयास किया है। विधायक श्री कुशवाहा ने कहा कि खेती की उपजाऊ जमीन आज उद्योग और रिहायशी कॉलोनियों में खपती जा रही है। इस बारे में उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से मध्यप्रदेश की विधानसभा में चर्चा भी कराने का आग्रह किया।
कार्यक्रम में ‘‘कृषि आश्रित समाज के भूले बिसरे उपकरणों के संग्रहालय’’ में ग्रामीण शिल्प, धातु शिल्प, काष्ठ शिल्प की वस्तुओं का योगदान करने वाले ग्रामीण शिल्पकारों और मेधावी प्रतिभाओं को शाल-श्रीफल, प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। इस मौके पर लौह शिल्पी गोविंद प्रसाद विश्वकर्मा, मिट्टी शिल्प के लिए कुटुआ प्रजापति, लकड़ी के औजार शिवकुमार कुशवाहा, धातु शिल्प मदन मोहन ताम्रकार, मिट्टी शिल्प कुसुमकली, बांस बर्तन मुकेश वंशकार, चर्म शिल्प भगवानदीन चौधरी को सम्मानित किया गया। इसी प्रकार पिथौराबाद में कृषि क्षेत्र में जागरूकता के लिए जेपी सिंह, औषधीय पौधे संरक्षण रामलोटन कुशवाहा, सीएल सिंह, पर्यावरण संरक्षण में इंद्रपाल सिंह, एशियन एथलीट में गोल्ड पदक प्राप्त करने वाले अंश जायसवाल, खेल प्रशिक्षक दीपेंद्र सिंह, नेशनल प्लेयर दौड़ ज्योत्सना सिंह, वुशु खेल में रविराज सिंह परिहार, कलाकार बहोरीलाल दहिया को भी शाल-श्रीफल से सम्मानित किया गया। इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष ने पद्मश्री बाबूलाल दहिया द्वारा लिखित दो पुस्तकों का विमोचन भी किया।