सरकार एवं आम जनता के लिए अलग-अलग नहीं चलेंगे कानून, 26 जनवरी को ट्रैक्टरों के साथ प्रशासन से मिलने आएंगे
रीवा संयुक्त किसान मोर्चा संभाग इकाई रीवा ने मध्य प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन रीवा के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों के रहते यहां दो तरह के कानून नहीं चलेंगे मोर्चे के संयोजक शिव सिंह ने बताया कि 5 जनवरी को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा शहर में आभार यात्रा निकाली गई साथ में डिप्टी सीएम भी मौजूद रहे वही दौरान आभार यात्रा स्वयं मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक स्थल में खुली तलवार घुमाकर गैर कानूनी काम किए थे जिसको लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने नाराजगी जताते हुए यह कहा था कि बीजेपी के लोग यदि इस तरह से संस्कृत की रक्षा करेंगे तो किसान मोर्चा भी ऐसी दहशत पर विराम लगाने कृषि यंत्रों एवं अस्त्रों के साथ सीएम की आभार यात्रा निकालेगा जिसके लिए एसडीएम हुजूर से अनुमति मांगी गई थी लेकिन एसडीएम हुजूर ने यह लेखकर की नगर पुलिस अधीक्षक रीवा ने अपने प्रतिवेदन में कहा है कि इस तरह की आभार यात्रा निकालने से आमजन के बीच भय का वातावरण निर्मित होगा ऐसे में अस्त्रों के साथ आभार यात्रा निकालने की अनुमति निरस्त कर दी गई थी साथ में दोपहर 12:00 बजे अस्त्र पूजा की भी अनुमति शामिल थी जिसको निरस्त नहीं किया गया वहीं पूर्व कार्यक्रम अनुसार विवेकानंद पार्क में भारी पुलिस बल एवं अधिकारियों की मौजूदगी में मोर्चे के नेता किसान अस्त्र पूजा कृषि यंत्रों हल फावड़ा कुल्हाड़ी कुदाल सब्बर हंसिया हथौड़ा के साथ पहुंचे तभी जिला प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार नगर यतीश शुक्ला ने कहा कि आपकी सभी अनुमति निरस्त हैं विवेकानंद पार्क प्रवेश की नगर निगम से कोई अनुमति नहीं है यहां तक की किसान नेताओं ने कहा कि विवेकानंद की प्रतिमा पर पुष्पअर्पित करना है इस पर भी विरोध जारी रहा तभी मोर्चे के नेताओं को पुलिस प्रशासन ने गिरफ्तार कर गिरफ्तारी बाद रिहा किया दौरान गिरफ्तारी मोर्चे के नेता भैयालाल त्रिपाठी रामजीत सिंह उमेश कुमार पटेल विश्वनाथ चोटीवाला इंद्रजीत सिंह शंखू सुग्रीव सिंह अशोक कुमार चतुर्वेदी संजय निगम तेजभान सिंह संतकुमार पटेल अनिल सिंह शिवराम सिंह नेता सतना जयभान सिंह खुशीलाल पटेल घनश्याम सिंह गणेश सिंह शेषमणि पटेल मिथिला सिंह अनुज सिंह कमलेश्वर सिंह एडवोकेट सुशील सिंह राजबहोर दहिया आदि उपस्थित रहे मोर्चे के नेताओं ने विवेकानंद पार्क में मीटिंग कर यह कहा कि मोदी सरकार के काले किसान कानूनों के खिलाफ जब देश का किसान आंदोलन पर था तब यही भाजपाई किसानों को आतंकी आंदोलनजीवी खालिस्तानी जैसे शब्द कहकर अपमानित करने का काम किए थे कृषि यंत्रों एवं अस्त्रों के साथ आभार यात्रा निकालकर अशांति फैलाना हमारा मकसद नहीं था हमारा मकसद था सरकार में बैठे अशांति फैलाने वाले लोगों को एहसास दिलाना कि जो भी सीएम डिप्टी सीएम के करकमलों द्वारा ऐसा कदम उठाया गया था वह संवैधानिक मंसा एवं कानूनों के विपरीत था तथा सीएसपी रीवा के प्रतिवेदन से भी स्पष्ट हो गया कि 5 जनवरी को सरकार के जिन प्रमुख लोगों ने ऐसा कृत किया था वह गैरकानूनी था जिस पर कार्यवाही होनी चाहिए और रही बात बीजेपी सरकार की धमकियों की तो हम डरने वाले लोग नहीं हैं सरकार के लोग संवैधानिक दायरे में रहें वही संयोजक शिव सिंह ने कहा कि मोर्चे के राष्ट्रीय आवाहन मुताबिक 26 जनवरी को जिले भर के किसान ट्रैक्टरों के साथ जिला प्रशासन से मुलाकात करने आएंगे।
: अनुपम अनूप