राजगढ़। खिलचीपुर में चल रही बागेश्वर धाम के कथावाचक पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की कथा में व्यवस्था बनाने के लिए प्रशासन ने 110 शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी। इतना ही नहीं 10 शिक्षकों को रिजर्व में भी रखा गया हैं। उधर डीईओ का कहना है कि कलेक्टर के आदेश पर ड्यूटी लगाई गई है।
खिलचीपुर में 25 जून से धार्मिक आयोजन शुरू हो चुके हैं। पहले दिन एक जैसे परिधानों में महिलाओं द्वारा क़लश यात्रा निकाली गई थी। इसके बाद 26 जून से हनुमंत कथा शुरू हो चुकी है। पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री द्वारा 28 जून तक कथा की जाएगी, जबकि 29 जून को भंडारे का आयोजन होगा। खास बात यह हैं कि इस धार्मिक आयोजन में प्रशासन द्वारा शिक्षकों की ड्यूटी लगा डाली। ऐसा पहली ही बार ही देखने को मिला है जब किसी धार्मिक आयोजन में शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी गई।
इसके लिए बाकायदा जिला शिक्षा अधिकारी केएस भिलाला ने एक लिखित आदेश जारी कर दिया जिसमें 110 शिक्षकों के नाम लिखे गए हैं। आदेश में कहा गया है कि ला एन्ड आर्डर को देखते हुए ड्यूटी लगाई गई है। यह लोग अधिकारियो व व्यवस्थापकों के साथ मिलकर व्यवस्था संभालेंगे। 29 जून तक मौके पर ही रहकर व्यवस्था देखेंगे।
स्कूलों से हटाकर कथा में ड्यूटी
पिछले दिनों सभी दूर के शासकीय स्कूल खुल गए हैं। ऐसे में उन्हें अध्यापन कार्य के लिए जिस समय स्कूलों में रहना चाहिए था उन शिक्षको को प्रशासन के निर्देश पर कथा में ड्यूटी लगा दी गई। टीचरों को जिस समय स्कूल खोलकर बच्चों को पढ़ाना चाहिए उस समय यहां प्रशासन ने टीचरों की ड्यूटी कथा में लगा डाली। इस कथा के लिए 10 टीचरों को रिजर्व भी रखा गया है।
कार्यकारी अध्यक्ष बोले ड्यूटी हटाई जाए
उधर शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र कौशिक ने कहा कि यह गलत है। टीचरों की ड्यूटी कथा में नहीं लगाई जाना चाहिए। उन्होंने पूरे कार्यक्रम से शिक्षकों को हटाने की मांग की और कहा कि हम कथा के विरोधी नहीं हैं, लेकिन कथा में ड्यूटी लगाना गलत है।
डीईओ बोले कलेक्टर के आदेश पर लगाई ड्यूटी
पूरे मामले को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी करणसिँह भिलाला का कहना है कि कथा में हमने कलेक्टर साहब के आदेश पर ड्यूटी लगाई है। जिला प्रशासन का सहयोग करने के लिए लगाई गई है। उनके कहने पर ही यह ड्यूटी लगाई गई है.