Home देश Politics: खजुराहो लोकसभा चुनाव: सपा-कांग्रेस गठबंधन का क्या होगा असर?

Politics: खजुराहो लोकसभा चुनाव: सपा-कांग्रेस गठबंधन का क्या होगा असर?

0
TKN Logo

खजुराहो लोकसभा चुनाव: सपा-कांग्रेस गठबंधन का क्या होगा असर?
क्या खजुराहो में बीजेपी का 15 साल पुराना तिलिस्म टूटेगा? 2024 लोकसभा चुनाव में खजुराहो सीट पर सपा-कांग्रेस गठबंधन बनने से चुनाव रोमांचक हो गया है। 2019 में, भाजपा ने यह सीट 64% वोटों के साथ जीती थी।

यह गठबंधन भाजपा के लिए खतरा क्यों है?
वोटों का बंटवारा: सपा और कांग्रेस के वोट मिलकर भाजपा को हरा सकते हैं।अखिलेश यादव का प्रभाव: सपा प्रमुख अखिलेश यादव का युवाओं पर अच्छा प्रभाव है। किसानों का मुद्दा: किसानों की नाराजगी का फायदा गठबंधन को मिल सकता है।लेकिन, भाजपा के पास भी कई फायदे हैं:

मजबूत संगठन: भाजपा का मध्य प्रदेश में मजबूत संगठन है। राष्ट्रवाद का मुद्दा: भाजपा राष्ट्रवाद का मुद्दा उठाकर वोट बटोर सकती है। वर्तमान सांसद का प्रभाव: भाजपा के मौजूदा सांसद वीडी शर्मा का क्षेत्र में अच्छा प्रभाव है।
निष्कर्ष:

खजुराहो लोकसभा चुनाव का परिणाम कई कारकों पर निर्भर करेगा। गठबंधन भाजपा के लिए चुनौती पेश करेगा, लेकिन भाजपा भी आसानी से हार नहीं मानने वाली है। तीन चुनाव के नतीजों से समझे स्थिति 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी के जितेंद्र सिंह बुंदेला ने यहां से जीत हासिल की थी। उन्होंने कांग्रेस के राजा पटेरिया को 28 हजार 332 मतों के अंतर से हराया था। इस चुनाव में सपा उम्मीदवार जयवंत सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी ने इतिहास ही रच दिया था। बीजेपी के नागेंद्र सिंह ने 2 लाख 47 हजार की लीड से जीत हासिल की थी। यहां कांग्रेस से दोबारा राजा पटेरिया को मौका दिया। सपा से सिध्दार्थ कुशवाह चुनाव लड़े। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के वीडी शर्मा ने इस सीट पर इतनी बड़ी जीत हासिल की सारे रिकॉर्ड टूट गए। तीज का अंतर 4 लाख 92 हजार रहा। इस चुनाव में कांग्रेस की कविता राजे की शर्मनाक हार हुई। सपा से वीरसिंह पटेल चुनाव लड़े।
MP लोकसभा चुनाव: पिछले तीन चुनावों के नतीजों का विश्लेषण
यह जानकारी मध्य प्रदेश के लोकसभा चुनावों के पिछले तीन चुनावों (2009, 2014, 2019) के नतीजों का विश्लेषण करती है।

2009 का चुनाव:

विजेता: जितेंद्र सिंह बुंदेला (भाजपा)
हार का अंतर: 28,332 मत
दूसरा स्थान: राजा पटेरिया (कांग्रेस)
तीसरा स्थान: जयवंत सिंह (सपा)
2014 का चुनाव:

विजेता: नागेंद्र सिंह (भाजपा)
हार का अंतर: 2,47,000 मत
दूसरा स्थान: राजा पटेरिया (कांग्रेस)
तीसरा स्थान: सिध्दार्थ कुशवाह (सपा)
2019 का चुनाव:

विजेता: वीडी शर्मा (भाजपा)
हार का अंतर: 4,92,000 मत
दूसरा स्थान: कविता राजे (कांग्रेस)
तीसरा स्थान: वीरसिंह पटेल (सपा)
निष्कर्ष:

पिछले तीन चुनावों में भाजपा ने लगातार जीत हासिल की है।
2014 और 2019 में भाजपा ने रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल की।
कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन लगातार खराब होता जा रहा है।
सपा का प्रदर्शन भी उतना अच्छा नहीं रहा है।
अन्य महत्वपूर्ण बातें:

2014 और 2019 के चुनावों में भाजपा ने 2 लाख से अधिक वोटों का अंतर हासिल किया।2019 के चुनाव में वीडी शर्मा ने 4.92 लाख वोटों का अंतर हासिल करके रिकॉर्ड बनाया।2014 और 2019 के चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवारों को भारी हार का सामना करना पड़ा।यह विश्लेषण 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए महत्वपूर्ण होगा।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

WhatsApp us

Exit mobile version