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PFI पर 5 साल का बैन:टेरर लिंक के सबूत; 8 सहयोगी संगठनों पर भी प्रतिबंध, सरकार ने कहा- इनकी गतिविधियां देश की सुरक्षा को खतरा

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केंद्र सरकार ने बुधवार सुबह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया, यानी PFI को 5 साल के लिए बैन कर दिया। पहले इस संगठन पर दिसंबर तक बैन लगाने की तैयारी थी। PFI के अलावा 8 और संगठनों पर कार्रवाई की गई है। गृह मंत्रालय ने इन संगठनों को बैन करने का नोटिफिकेशन जारी किया है। इन सभी के खिलाफ टेरर लिंक के सबूत मिले हैं।

PFI जुड़े इन संगठनों पर भी प्रतिबंध

1. रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF)

2. कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI)

3. ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC)

4. नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO)

5. नेशनल वुमंस फ्रंट

6. जूनियर फ्रंट

7. एम्पावर इंडिया फाउंडेशन

8. रिहैब फाउंडेशन

सरकार ने बताई बैन लगाने की वजहें
1. PFI और इससे जुड़े संगठन गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे। ये गतिविधियां देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए खतरा हैं।
2. इन संगठनों की गतिविधियां देश की शांति और धार्मिक सद्भाव के लिए खतरा बन सकती हैं।
3. PFI और इससे जुड़े संगठन देश में आतंकवाद का समर्थन कर रहे हैं।
4. केंद्र सरकार UAPA के तहत 5 साल का प्रतिबंध लगा रही है। ये कदम एजेंसियों की जांच के बाद उठाया जा रहा है।
5. एजेंसियों का कहना है कि PFI के कुछ फाउंडिंग मेंबर्स SIMI के लीडर्स थे। इसके संबंध जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश से थे। ये दोनों प्रतिबंधित संगठन हैं।

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जांच एजेंसियों ने दो राउंड में ताबड़तोड़ छापे मारे थे, 356 गिरफ्तारियां हुईं
NIA, ED और राज्यों की पुलिस ने 22 और 27 सितंबर को PFIऔर उससे जुड़े संगठनों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। पहले राउंड की छापेमारी में 106 PFI से जुड़े लोग कार्यकर्ता हुए थे। 27 सितंबर को दूसरे राउंड की छापेमारी में 250 PFI से जुड़े लोग गिरफ्तार/हिरासत में लिए गए। जांच एजेंसियों को PFI के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले। इसके बाद यह कार्रवाई की गई।​​​​

छापेमारी से जुड़ी ये दो खबरें पढ़ सकते हैं…

22 सितंबर को PFI पर NIA की छापेमारी, 106 गिरफ्तार, संगठन के प्रमुख ओमा सालम भी अरेस्ट

ये आंकड़े 22 सितंबर को मारे गए छापों के हैं।

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने गुरुवार आधी रात से 15 राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 93 ठिकानों पर छापेमारी की। टेरर फंडिंग केस में हो रही इस कार्रवाई में PFI से जुड़े 106 सदस्यों को अरेस्ट किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गिरफ्तार होने वालों में संगठन प्रमुख ओमा सालम भी शामिल है।

27 सितंबर को 8 राज्यों में PFI के 172 कार्यकर्ता अरेस्ट; गैजेट्स-दस्तावेज जब्त

दिल्ली के शाहीन बाग में PFI पर एक्शन के बाद यहां CRPF की तैनाती कर दी गई है।

मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और ED ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कई ठिकानों पर छापेमारी की। देश के 8 राज्यों से 172 PFI कार्यकर्ताओं को अरेस्ट किया गया है। दिल्ली के शाहीन बाग में NIA ने रेड करके PFI से जुड़े 30 लोगों को हिरासत में लिया है। शाहीन बाग में इस एक्शन के बाद केंद्रीय पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया गया है। टीम ने मोबाइल फोन और अन्य डिवाइस समेत कई दस्तावेज भी अपने कब्जे में लिए हैं।

1. मोदी थे PFI के निशाने पर, केरल में बनी प्लानिंग: कोर्ट में ED बोली – बिहार में मारने की साजिश थी

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 15 राज्यों के 93 ठिकानों पर 22 सितंबर को NIA-ED ने ऑपरेशन ऑक्टोपस के तहत छापेमारी की थी। अब इस मामले में जांच एजेंसी ने बड़ा दावा किया है। कोझिकोड से गिरफ्तार PFI वर्कर शफीक पायथे के रिमांड नोट में ED ने कहा- पटना में 12 जुलाई को प्रधानमंत्री की रैली में हमले की साजिश की गई थी, जिसकी फंडिंग में शफीक पायथे भी शामिल था।

2. PFI ने सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स में लिखा- 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना है

पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) एक ऐसा संगठन जिस पर बीते सालों में आतंक की कई घटनाओं में शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं। इस दौरान इसके कई कार्यकर्ता पकड़े गए। इनसे कई दस्तावेज मिले। इसमें लिखा था, 2047 में जब देश आजादी के 100 साल मना रहा होगा, तब तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना है। 10% मुस्लिम भी साथ दें, तो कायरों को घुटनों पर ला देंगे।

3. दंगों से हत्या तक में PFI का नाम, 15 साल में 20 राज्यों में पहुंचा संगठन

PFI की जड़ें 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद मुसलमानों के हितों की रक्षा के लिए खड़े हुए आंदोलनों से जुड़ती हैं। 1994 में केरल में मुसलमानों ने नेशनल डेवलपमेंट फंड (NDF) की स्थापना की थी। इसके बाद इसका नाम दंगों से हत्या तक में जुड़ा। संगठन 15 साल में 20 राज्यों तक पहुंच गया।

4. सलमान रुश्दी से ज्यादा खतरनाक था प्रोफेसर पर हमला; दायां हाथ काटा, शरीर पर कई जख्म दिए

न्यूयॉर्क में सलमान रुश्दी पर हमला हुआ था। रुश्दी की 1988 में एक किताब आई थी ‘सैटेनिक वर्सेज’। किताब से इस्लामिक कट्टरपंथी भड़क गए। ईरान के सर्वोच्च नेता ने रुश्दी को जान से मारने का फतवा जारी कर दिया। इसके 34 साल बाद 24 साल के एक नौजवान ने रुश्दी की जान लेने की कोशिश की। इसी तरह का वाकया केरल में 12 साल पहले हुआ था। प्रोफेसर टीजे जोसेफ पर 4 बार हमले हुए थे। दायां हाथ काट दिया था। शरीर पर कई जख्म दिए थे। 

5.भास्कर ने बताया था PFI पर एक्शन का प्लान, केंद्र ने 4 अगस्त को लिया था कार्रवाई का फैसला

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने गुरुवार आधी रात के बाद पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के ठिकानों पर छापा मारा था। केंद्र सरकार PFI पर एक्शन की तैयारी कर रही है, भास्कर ने इस बारे में 9 अगस्त को ही बता दिया था। यह प्लान 4 अगस्त को गृहमंत्री अमित शाह के बेंगलुरु दौरे के दौरान बना था। यहां अमित शाह, कर्नाटक के CM बसव राज बोम्मई और राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र के बीच मीटिंग हुई थी। इसी में PFI को खत्म करने का प्लान पर फैसला हुआ था।

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