पूर्वी मप्र में बालाघाट, नरसिंहपुर, रीवा, सीधी में तीक्ष्ण गर्मी।
भोपाल। बंगाल की खाड़ी में हलचल शुरू होने से दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं। उधर चक्रवात बिपरजाय कमजोर पड़कर कम दबाव के क्षेत्र में बदल गया है। साथ ही उत्तर-पश्चिमी मप्र, दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश और उससे लगे राजस्थान पर बना है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक मंगलवार-बुधवार को ग्वालियर, चंबल, सागर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर संभाग के जिलों में गरज-चमक के साथ वर्षा होने के आसार हैं। उधर, पिछले 24 घंटों के दौरान ग्वालियर में 35.6, दतिया में 14.2, गुना में 8.2, टीकमगढ़ में पांच, भोपाल में 0.3 मिलीमीटर वर्षा हुई। सोमवार को बालाघाट में तीव्र लू रही थी, जबकि नरसिंहपुर, रीवा एवं सीधी में भी लू का प्रभाव रहा था।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवात बनने के संकेत मिले हैं। बिहार और उससे लगे पूर्वी उत्तर प्रदेश पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। बिपरजाय भी उत्तर-पश्चिमी मप्र के आसपास सक्रिय है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि बिपरजाय के असर से उत्तर-पश्चिमी मप्र में कहीं-कहीं वर्षा का सिलसिला जारी है। मंगलवार-बुधवार को ग्वालियर, चंबल, सागर, उज्जैन, इंदौर संभाग के जिलों में गरज-चमक के साथ वर्षा होने के आसार हैं। इस दौरान तेज रफ्तार से हवाएं चलने के साथ कहीं-कहीं भारी वर्षा भी हो सकती है।
उधर बादल बने रहने के साथ ही तेज रफ्तार से हवाएं चलने के कारण पश्चिमी मप्र के सभी शहरों में अधिकतम तापमान में गिरावट हो गई है। हालांकि पूर्वी मप्र में बालाघाट, नरसिंहपुर, रीवा, सीधी में अभी भी गर्मी के तेवर तीखे बने हुए हैं।