मऊगंज जिले के अंतर्गत गांव और कस्बे की गली मे कूचों में झोलाछाप डॉक्टर इस तरह अपने क्लीनिक खोल रहे हैं। जैसे परचून बेचने की दुकान गंभीर बात यह है कि इन झोलाछाप डॉक्टर के पास कोई भी डिग्री तक नहीं है। सिर्फ दो-तीन साल किसी बड़े डॉक्टर के कंपाउंडर की नौकरी की और खुद का क्लीनिक शुरू कर दिया। इनका दूसरा तो देखिए बिना डिग्री डिप्लोमा के कई झोलाछाप डॉक्टर इलाज के साथ-साथ साथ सर्जरी भी कर रहे हैं। हर साल आंचल में झोलाछाप डॉक्टर के गलत इलाज से लोगों की जान भी जा रही है लेकिन स्वास्थ विभाग में आज उनके विरुद्ध जांच व कार्रवाई हेतु अभियान तक नहीं चलाया। मऊगंज जिले के कई गांव में ऐसे झोलाछाप डॉक्टर हैं की अपनी छोटी सी दुकान में ही ऑपरेशन थिएटर बनाकर मरीजों की सर्जरी कर जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे ही अनेक डॉक्टर जो अपनी दुकान के आगे वोट लगाकर बवासीर भगदड़ जैसी बीमारी का ऑपरेशन का बीमारी से निजात दिलाने का दावा कर रहे हैं वही झोलाछाप डॉक्टर की लूट का हिस्सा मेडिकल संचालक भी बने हुए हैं। जो किराए पर लाइसेंस लेकर दुकान खोल लेते हैं। फिर झोलाछाप डॉक्टर द्वारा लिखी जा रही अनाप-शनाप दवाइयां को मोटी कीमत पर भेज कर आपस में मुनाफा बांट रहे हैं। इसी तरह पैथोलॉजी संचालक भी इन डॉक्टरों के माध्यम से लंबा मुनाफा कमा रहे हैं वही झोलाछाप डॉक्टर की लूट कट का अंदाजा इसी से लगाया जाता है कि सामान्य बुखार हो या पेट दर्द या डॉक्टर निजी लाइफ संचालकों से साथ घाट पर 200 से ₹300 की जांच करते हैं। मैरिज एक दिन में सही हुआ तो ठीक है अनाथ उसे 300 से ₹400 देकर ड्रिप चढ़ा दी जाती है। जबकि बाजार में एक ड्रिप की कीमत मात्र 40 से ₹70 है।मैरिज झोलाछाप डॉक्टर के यहां सिर्फ इसलिए जाता है ताकि उसे डिग्री धारी डॉक्टर की फीस का लोड न सहना पड़े। लेकिन यहां चोला छाप फीस न लेते हुए दवाई वह जांच के नाम पर ही मरीजों की जेब ढीली कर रहे हैं। लेकिन इसमें प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है लोगों के साथ लगातार जन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
अनुपम अनूप