आर्थिक अनियमितता और अनुकंपा नियुक्ति में गड़बड़ी पर कार्रवाई
खरगोन जिला सहकारी केंद्रीय बैंक खरगोन के प्रभारी सीईओ राजेंद्र आचार्य पर गुरुवार को सस्पेंड कर दिया। यह कार्रवाई सहकारिता विभाग की जांच के बाद हुई है। नवागत सीईओ पीएस धनवाल ने 8 दिसंबर को खरगोन बैंक का अलावा चार्ज लिया और जांच रिपोर्ट पर आदेश जारी किए। उन्होंने बताया सभी मामलों में विभागीय जांच पर यह कार्रवाई हुई है। आचार्य को बड़वानी शाखा अटैच किया है।
सीईओ ने आदेश में बताया राजेंद्र आचार्य जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में प्रभारी सीईओ के पद पर 30 नवंबर 2021 से 7 दिसंबर 2023 तक पदस्थ रहे। इस बीच उन्होंने जिले की 58 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के लिए बिना अधिकारिता और बिना सक्षम स्वीकृति के आरवी टेक सॉल्यूशन, भोपाल कंपनी से भंडार क्रय नियमों को दरकिनार कर सॉफ्टवेयर क्रय किया। सॉफ्टवेयर को बिना स्टॉल कराए पद का दुरूपयोग करते हुए संस्थाओं से 20.43 लाख का भुगतान करा लिया। मामले की उपायुक्त सहकारिता की जांच में प्रथम दृष्टया दोषी मिले। इसके अलावा शक्ति सहकारी कृषि उपज प्रसंस्करण और विपणन सहकारी संस्था की बंधक भूमि विक्रय करने में गंभीर आर्थिक अनियमितताओं की जांच के लिए प्रकरण संबंधी संबंधित दस्तावेज जांच दल को जानबूझकर उपलब्ध नहीं कराए। उन्हें इधर-उधर करने का प्रयास किया।
अवंति सूतमिल को स्वीकृत साख सीमा में भी गड़बड़ी धनवाल के मुताबिक आचार्य ने अवंती सूतमिल वर्कर्स इंडस्ट्रीयल को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड सनावद को जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, खरगोन की स्वीकृत साख सीमा 62.50 करोड़ की शर्तों के अनुसार प्रथमत प्रबंधक लेखा के रूप में संस्था के पदाधिकारियों के साथ सांठ-गांठ कर साप्ताहिक निरीक्षण और वित्तीय संव्यवहार पर जानबूझकर निगरानी नहीं की गई। आर्थिक अनियमितता का अवसर दिया। संस्था में आर्थिक अनियमितता का सनावद थाने में केस दर्ज हुआ। पुलिस अनुसंधान में अपराधियों को बचाने के मकसद से बैंक से मांगे गए दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए। नहीं कराई कालातीत ऋण वसूली
जनवरी 2023 पर अवंती सूतमिल सनावद पर लगभग 85.53 करोड़ कालातीत ऋण वसूली के लिए जिला सहकारी केंद्रीय बैंक का कर्मचारी अवंती सूतमिल का प्रशासक नियुक्त हुआ। इसके बाबजूद जानबूझकर आय के अनुपात में कालातीत ऋणों की वसूली नहीं कराई।