भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव का नतीजा दो वजहों से सुर्खियों में है। पहला- रेसलर्स का विरोध और साक्षी मलिक का संन्यास और दूसरा- मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को इस चुनाव में 5 वोट मिलने की मीडिया रिपोर्ट। हालांकि, मध्यप्रदेश के जनसंपर्क विभाग ने इस बात का खंडन किया है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कुश्ती महासंघ के उपाध्यक्ष का चुनाव लड़ा और वे हार गए।
आखिर हकीकत क्या है? द खबरदार न्यूज ने इस पूरे मामले की पड़ताल की। 21 दिसंबर को भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव का रिजल्ट जारी हुआ है। इसी को लेकर एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि मोहन यादव कुश्ती महासंघ के उपाध्यक्ष का चुनाव हार गए।
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इसे लेकर द खबरदार न्यूज ने जनसंपर्क विभाग के अधिकारी से बात की। अधिकारी ने फैक्ट चेक कर मोहन यादव के चुनाव हारने की खबर को फेक बताया था।
अधिकारी के मुताबिक- पहले भारतीय कुश्ती संघ का चुनाव जुलाई में होने वाला था। तब सीएम डॉ. मोहन यादव ने नॉमिनेशन फाइल किया होगा। इसके बाद पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट से चुनाव पर स्टे लग गया था। इस बीच डॉ. मोहन यादव मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बिजी हो गए। कुश्ती संघ का जब चुनाव हुआ तो उन्होंने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। वे मप्र के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले चुके थे। उन्होंने कुश्ती संघ का चुनाव लड़ा ही नहीं। खुद का भी वोट नहीं डाला। तो कोई कैसे कह सकता है कि वो चुनाव हारे?
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रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की वेबसाइट के मुताबिक, पहले कुश्ती संघ का चुनाव जुलाई-अगस्त के महीने में होना था। 28, 29 और 31 जुलाई को चुनाव लड़ने वाले कैंडिडेट्स ने नॉमिनेशन फाइल कर दिया था। नॉमिनेशन फॉर्म की स्क्रूटनी की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई थी। वोटिंग और काउंटिंग के लिए 12 अगस्त का दिन तय था। वोटिंग से एक दिन पहले 11 अगस्त को कुश्ती संघ की इलेक्शन कमेटी ने एक आदेश जारी किया। इसमें लिखा था कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव पर स्टे दिया है, इसलिए वोटिंग 12 अगस्त को नहीं होगी। चुनाव की नई तारीख बाद में जारी की जाएगी।
हाईकोर्ट से होता हुआ मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने 28 नवंबर को दिए आदेश में चुनाव कराने का रास्ता साफ कर दिया। भारतीय कुश्ती महासंघ की इलेक्शन कमेटी ने चुनाव के लिए 21 दिसंबर की तारीख तय की। 21 दिसंबर को वोटिंग के साथ काउंटिंग भी हुई। कुश्ती महासंघ ने वेबसाइट पर रिजल्ट के साथ चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की लिस्ट भी जारी की। इन दोनों डॉक्यूमेंट में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का नाम है। रिजल्ट की शीट में डॉ. मोहन यादव का नाम है, उन्हें 5 वोट ही मिले। बाकी सभी कैंडिडेट्स को 37 से ज्यादा वोट मिले।
तोमर ने बताया कि डॉ. मोहन यादव मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए थे, इसलिए वो इस चुनाव के लिए नहीं आए। उन्हें हमने अनुपस्थित मानते हुए कैंडिडेट भी नहीं बनाया । अब ये उनकी उपलब्धि है कि बिना आए उन्हें 5 वोट मिल गए। तोमर ने कहा- इसमें हार- जीत जैसा कुछ नहीं है। अगर वो चुनाव के दिन आते, मीटिंग अटेंड करते, इसके बाद उन्हें 5 वोट मिलते, तब माना जाता कि वे हारे हैं। हार तब मानी जाती है, जब कैंडिडेट मैदान में लड़ता है। मीडिया ने इसे जबरदस्ती मुद्दा बनाया।
WFI के चुनाव के दिन सीएम डॉ. मोहन यादव विधानसभा में थेजिस दिन कुश्ती संघ का चुनाव हुआ, उस दिन सीएम डॉ. मोहन यादव ने विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा ले रहे थे। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा में उन्होंने हिस्सा लिया था। विधानसभा सत्र खत्म होने के बाद रात में वे रैन बसेरा में रहने वाले लोगों से मिलने पहुंचे थे।
WFI के रिजल्ट के बाद रेसलर साक्षी मलिक ने किया संन्यास का ऐलान21 तारीख को कुश्ती संघ के नतीजे आए। बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को महासंघ का अध्यक्ष बनाया गया। महासंघ के रिजल्ट के बाद ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली रेसलर साक्षी मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कुश्ती को अलविदा करने का ऐलान कर दिया। रविवार सुबह कुश्ती संघ की नई बॉडी को सस्पेंड कर दिया गया।
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