छतरपुर पुलिस के द्वारा पतंग उड़ाने को लेकर एडवाइजरी जारी की है। जिसमे कहा गया हैं कि सड़कों पर या यातायात के पास पतंग न उड़ायें।पतंग केवल सुरक्षित स्थानो पर खड़े होकर ही पतंग उड़ाएं, और संभव हो तो खुले मैदान में जाकर पतंगबाज़ी का आनंद लें।इसके साथ ही धूप तेज होने पर पतंग न उड़ाएं, क्यूंकि इससे चक्कर जैसी परेशानी हो सकती है।इसके अलावा आकाश में पतंग पर ध्यान होने से कई बार बच्चे छत से गिर जाते है।जिसके कारण प्रतिवर्ष सैकड़ों बच्चे छत से गिर कर जान गंवा देते हैं।इसलिए परिजन बच्चों को चाट के किनारों से दूर रखें,एवं उनका विशेष ध्यान रखें।
एडवयजरी में खा गया है की पतंग उड़ाने के लिए स्वदेशी निर्मित सूत के मांझे का प्रयोग करें।वही मांझा तैयार करने में बल्ब का चूरा, सरस, और नीला थोथा आदि प्रयोग में न लाएं क्यूंकि यह पक्षियों के साथ ही इंसान की जान के लिए भी घातक है।आकाश में उड़ने वाले पक्षियों के मरने की संख्या मकर संक्रांति पर मंझे से फसने के कारण बढ़ जाती है।और उनके पंख मांझे में उलझकर कट जाते हैं।
इसके अलावा बिजली के तारों के निकट भी पंतग न उड़ाए,साथ ही बिजली की तारों में उलझी पंतग या डोर को न छुयें।क्यूंकि पतंग की मेटॅलिक डोर (मांझा), बिजली के तारों से छुएं बिना भी जानलेवा साबित हो सकती है।इसलिए पतंग उड़ाने से पहले अपने हाथों में दस्ताने पहनें।और मांझा पकड़ने वाले और पतंग उड़ाने वाले के बीच में तालमेल बनाए रखें।इस दौरान अंगुली कट जाए तो फौरन उस पर हल्दी का लेप लगाएं।और घाव गहरा होने पर डॉक्टर को दिखाएं।
चाइना डोर (प्रतिबन्धित चाइनीज मांझे) का बेचना एवं उपयोग करना पूरी तरह से गैरकानूनी है। इस प्रकार की गतिविधियों की ड्रोन से निगरानी की जायेगी,और उल्लंधन करने वालों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्यवाही की जायेगी।