रीवा जिले के त्योंथर तहसील अन्तर्गत चाकघाट नगर परिषद क्षेत्र में मूलभूत समस्याओं को लेकर वार्डों में लगातार अव्यवस्थाएं बनी हुई है विगत कई वर्षों से नगर परिषद् पर बीजेपी का कब्जा है प्रदेश और देश में भी बीजेपी की सरकार है सरकार के विकास की दावों की पोल खोल रहा नगर परिषद् चाकघाट विकास की आई हुई राशि जनप्रतिनिधि और अधिकारियों के बीच जमकर हो रहा बंदरबाट जनता की कोई सुनने को तैयार नहीं समस्याओं का समाधान नहीं होने से लोग परेशान हो रहे हैं जहां टूटी सड़क से परेशान होकर देर रात्रि चाकघाट बाजार चौराहे में अव्यवस्थाओं से तंग आकर चाट का ठेला लगाने वाले यूवक प्रकाश केशरवानी ने स्वंय अपने पैसे से ही टूटी सड़क की मरम्मत करना शुरू कर दिया। पूछने पर बताया कि चाट का ठेला ले जाने और ले आने में काफी समस्याएं हो रही थी। इसके साथ ही आगे बताया कि ठेले का पहिया आएं दिन डैमेज हो रहा था।
जिसके पश्चात लगभग दो हजार रूपये की सामग्री से अपनी व्यवस्थाओं के अनुसार सड़क की मरम्मत करना शुरू कर दिया। मुख्य बाजार चौराहे में टूटी-सड़क की वजह से आवागमन में समस्याएं होने के साथ-साथ दुर्घटनाओं की भी संभावना बनी रहती है। लोगों का कहना है कि शुद्ध पेयजल की पाइप लाइन डालने हेतु तोड़ी गई सड़कें सालों बीत जाने के बावजूद किसी ने सुध नहीं ली है।जिसकी वजह से अक्सर लोग गिरकर चोटिल हो रहे हैं। मामले में नगर परिषद के पार्षद सत्यम केसरवानी ने बड़ा आरोप लगाया है। जिनका कहना है कि क्या नगर परिषद में पैसे नहीं हैं यह बात तो सत्य है कि लोग सड़क, नाली, पानी, साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था सहित अन्य मूलभूल समस्याओं से पीड़ित हैं जिन वार्डों में नवीन निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ है उसमें गुणवत्ता को लेकर सवाल उठ रहे हैं। नगर का दुर्भाग्य इस प्रकार से है कि बीजेपी की सरकार होने के बावजूद स्थाई सीएमओ की पदस्थापना लंबे समय से नहीं हो पाई है और प्रभार के वैशाखी पर कार्य चल रहा है। व्यापार का केंद्र चाकघाट प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए का टैक्स शासन को दे रहा है इसके बावजूद उनकी आवश्यकताओं और समस्याओं पर अनदेखी हो रही है.