भोपाल-नशे में डूबती राजधानी,कार्रवाई के नाम पर लिपा पोती और पल्ला झाड़ते विभाग!जी हां हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की जहां पर देखा जाए तो सभी विभागों के प्रादेशिक कार्यालय और विभाग के प्रमुख अधिकारी सभी राजधानी में ही मिलते हैं!कागजों पर तो कारवाइयां होती है लेकिन जमीनी स्तर पर लिपा पोती हो रही है!कहने के लिए शहर में आबकारी विभाग,आबकारी विभाग का उड़न दस्तां,सभी स्थानीय पुलिस थाने,इन सबके बावजूद बेखोफ होकर शराब कारोबारी धड़ल्ले से अवैध रूप से शराब बेच रहे हैं!जहां रात को 11:30 बजे शराब की दुकान बंद हो जाती है,लेकिन उसके बाद ही शराब की दुकानों पर असली खेल शुरू होता है,जो की रात भर चलता रहता है!शटर बंद करके साइड में छोटा सा हॉल करके उससे रात भर शराब परोसी जा रही है!जिसकी जानकारी संबंधित थानों, आबकारी विभाग को देने के बावजूद भी अभी तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई उन पर नहीं हुई है!यह राजधानी का पहला ऐसा मामला नहीं है जब इस प्रकार से बैखोफ होकर शराब कारोबारी खुले तौर पर शराब बेच रहे हैं!यह लगातार कई वर्षों से जारी है और इन पर कवरेज के दौरान पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार करना,गाली गलोज करना,मारपीट जैसे या जान से मारने की धमकी जैसे मामले आए दिन सुनने में आ जाते हैं! यह वही शराब की दुकानें है जहां पर पुलिस कर्मियों तक को नहीं बख्शा गया जिसमें कुछ माह पूर्व थाना अयोध्या नगर में हुई घटना काफी चर्चाओं में रही!लेकिन अधिकारियों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता!वह अपनी सफाई देकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं,लगता है शायद विभाग किसी बड़ी घटना दुर्घटना का इंतजार कर रहा है!देखना यह होगा कि विभाग और संबंधित थानों की पुलिस कब जागती है!नशे का कारोबार लगातार शहर में बढ़ता ही जा रहा है!जिसकी चपेट में कई युवा और लगभग सभी उम्र के लोग नशे के आदी होते जा रहे हैं और हो भी क्यों ना जहां 24 घंटे सुविधा उपलब्ध होती है!इतना ही नहीं शराब की दुकानों पर निर्धारित मूल्य से ज्यादा में शराब बेची जा रही है जिससे भी शराब ठेकेदार और आबकारी विभाग पल्ला झाड़ने हुए नजर आ रहा है!आबकारी सहायक आयुक्त से जब इस विषय में चर्चा की गई तो उन्होंने हमेशा की तरह कार्रवाई का बोलकर अपना पल्ला झाड़ लिया!
मुकेश सिंह