शहडोल में लगभग 71 वर्ष बाद राष्ट्रपति का आगमन हो रहा है। इसके पहले विंध्य प्रदेश में शहडोल में राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद का आगमन हुआ था। डॉ राजेन्द्र प्रसाद विशेष ट्रेन से बुढ़ार आए थे। विंध्यप्रदेश में बुढ़ार में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का केन्द्र बिन्दु बनाया गया था। जिसे देखते हुए जो बचे हुए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे और जो शहीद हो गए थे उनके सम्मान में बुढ़ार में कार्यक्रम आयोजित हुआ था। आजादी के बाद पहली बार राष्ट्रपति के आगमन को लेकर काफी उत्साह था। राष्ट्रपति को देखने आसपास कई क्षेत्रों से बड़ी संख्या में भीड़ बुढ़ार पहुंची थी। बुढ़ार में नहीं थी बिजली, कटनी में छपा था अभिनंदन पत्र उस दौर में बुढ़ार में बिजली की व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में अभिनंदन पत्र कटनी से छपाया गया था। साथ ही बिजली की जो भी व्यवस्था की गई थी वह भी कटनी से ही की गई थी
कहा जाता है की कार्यक्रम के दौरान बुढ़ार के सेठ नागरमल सिंघानिया ने क्षेत्र में अकाल को देखते हुए आम नागरिकों के लिए 100 बोरे ज्वार राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद को भेंट किए थे। जहां पर यह कार्यक्रम आयोजित हुआ था वहां अभी भी मंच बना हुआ है। जिसे स्मारक के रूप में पहचान
दिलाने की दिशा में भी प्रयास किए जा रहे हैं। शहडोल में 71 वर्ष बाद राष्ट्रपति के आगमन पर 11 जिले से करीब 1 लाख से अधिक आमजनता एकत्रित हो रही है। लालपुर हवाई पट्टी पर 4 लाख 50 हजार स्क्वायर फीट में बनाया गया पंडाल।