शहडोल एसईसीएल सोहागपुर क्षेत्र के बंद धनपुरी भूमिगत खदान में चार युवकों की मौत के बाद शनिवार को पुलिस तक यह खबर पहुँची की उसी रात्रि तीन अन्य युवक भी कबाड़ चोरी की नीयत से, यूजी माइंस में दूसरे मुहाड़े में होल करके अंदर गए थे। जो कि घटना दिनांक से लापता है। इनमें अमलाई थाना क्षेत्र के चीप हाउस निवासी रोहित कोल व चचाई थाना क्षेत्र के राजेश मिश्रा व मनोज बर्मन का नाम शामिल है। इनके गुमसूदगी की शिकायत थाने तक आने के बाद एक बार फिर पुलिस और एसईसीएल महकमा सकते में आ गया। जिसके बाद शनिवार दोपहर 2 बजे भारी पुलिस बल की मौजूदगी में एसईसीएल की रेस्कयू टीम ने उक्त खदान में रेस्कयू ऑपरेशन शुरू किया। दोपहर से लेकर देर शाम साढ़े 7 बजे तक खान बचाव दल की 5-5 सदस्यीय कई टीमें रेस्कयू के लिए कड़ी मशक्कत करते हुए बन्द माइंस के अंदर जाती और वापस आती रही। आखिर कार देर शाम 7 बजे रेस्कयू दल के सदस्यों को खदान के अंदर तीन शव मिल गए ।जिनके अंदर होने की आशंका सुबह से लगाई जा रही थी। शाम लगभग साढ़े 7 बजे तीनों शवो को बाहर निकालकर पोस्ट मार्टम के लिए मेडिकल कालेज शहडोल भेज दिया गया।पता चला है कि उक्त तीनो मृतकों में से राजेश मिश्रा निवासी थाना चचाई द्वारा अमलाई चचाई थाना की सीमा पर कबाड़ का ठीहा चलाने वाले राजा कबाड़ी का वाहन चलाता था। सूत्रो से यह भी पता चला ही कि लगभग सप्ताह भर पहले राजा कबाड़ी की अवैध कबाड़ से लदी एक पिकअप जिसे यही लापता चालक चला रहा था,अमलाई थाना पुलिस पकड़कर थाना लेकर आई थी लेकिन उसमें क्या कार्यवाही की गई यह अज्ञात ही रह गया।
एसईसीएल बुढ़ार ग्रुप प्रबंधन पर मामला दर्ज
एसईसीएल अंतर्गत बन्द धनपुरी भूमिगत खदान में हुई चार मौतों के बाद एसईसीएल बुढ़ार ग्रुप प्रबंधन द्वारा बन्द खदान का मुहाना बन्द करने में समुचित सावधानी नही बरती गई तथा जहरीली गैस रिसाव एवं बन्द खदान की सार्वजनिक सूचना एवं चेतावनी बोर्ड इत्यादि नही लगाये गये तथा सुरक्षा हेतु गार्ड की व्यवस्था नहीं की गई थी। इसे पुलिस ने प्रथम दृष्टया घोर लापरवाही माना है। जिससे गत 26 जनवरी की रात्रि में 5 व्यक्ति लोहा कबाड़ निकालने के लिये बंद पड़ी भूमिगत खदान में अन्दर घुसे थे। भूमिगत खदान के अन्दर जहरीली गैस का फैलाव होने से सभी जहरीली गैस के चपेट में आ गये और मृतक हजारी कोल, कपिल विश्वकर्मा, राहुल कोल, राज महतो की मृत्यु हो गई है जिसपर से बन्द कोयला खदान के कॉलरी प्रबंधन द्वारा समुचित संरक्षण में प्रथमदृष्टया लापरवाही पाये जाने से धारा 304-ए भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।