सतना जिले के कोलगवां थाना क्षेत्र के माधवगढ़ के छतुरिहा घाट में स्थित एक प्राचीन मंदिर को रात में ढहाए जाने के मामले में हंगामे के बाद पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
माधवगढ़ उपरहटी में स्थित नागदेव बाबा के लगभग डेढ़ सौ वर्ष पुराने मंदिर को रात के अंधेरे में जेसीबी से किसी ने ध्वस्त कर दिया। मुक्तिधाम के पास स्थित इस पुरातन मंदिर से लोगों की आस्था जुड़ी हुई थी, जहां नागपंचमी पर मुद्दतों से मेला भी लगता आ रहा था। मंदिर गिराए जाने से ग्रामीणों में आक्रोश गहराया और तनाव की स्थिति निर्मित हो गई। ग्रामीणों का आरोप था कि यह करतूत किसी वाजिद खान नाम के शख्स की है। खबर मिलने पर एसडीएम भी आरआई के साथ पहुंचे और कोलगवां थाना से पुलिस बल भी बुलाया गया। मामला मंदिर से जुड़ा था लिहाजा बजरंग दल और विहिप के नेता- कार्यकर्ता भी ग्रामीणों के साथ खड़े नजर आए।
रास्ता बनाने के लिए ढहाया मंदिर
राजस्व अमले ने जांच की तो मसला आराजी नंबर 40 और 44 के बीच फंसा होने की जानकारी सामने आई। विहिप नेता सचिन शुक्ला ने बताया कि मंदिर और श्मशान भूमि आराजी नंबर 40 में है, लेकिन इसे आराजी नंबर 44 बताया जाने लगा, जबकि 44 नंबर जमीन नीचे की तरफ है। उसमें जाने का रास्ता भी नहीं है। इस कारण साजिशन मंदिर गिराया गया और अब श्मशान भूमि और मंदिर को 44 नंबर आराजी पर बताया जाने लगा। मामला आराजी नंबरों की भौतिक स्थिति में उलझा रहा और ग्रामीण बताते रहे कि मंदिर और श्मशान भूमि को वे अपने पूर्वजों के जमाने से वहीं देखते आ रहे हैं।
देवेंद्र तिवारी गुड्डू, जित्तू गर्ग, महेंद्र मिश्रा, नानू तिवारी तथा मनीष तिवारी ने पुलिस तथा राजस्व अमले को यह भी बताया कि उन्होंने रात में वाजिद खान और राकेश सिंह को जेसीबी से मंदिर गिराते देखा। पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की धारा 295,427 और 34 के तहत वाजिद खान व राकेश सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। ग्रामीणों की मांग मंदिर दोबारा बनवाने की भी है।