शादपीड़ित टीचर बोला- अकाउंट से पैसा ट्रांसफर होने के बाद तुरंत बैंक गया लेकिन कोई ठोस जवाब नहीं मिला, पुलिस थाने के चक्कर काट रहा है। टीचर ने ये भी बताया कि बेटी की शादी के लिए बैंक से लोन लिया था।
मध्यप्रदेश के सीधी में साइबर फ्रॉड का बड़ा मामला सामने आया है। शातिर ठग ने सीधी के एक टीचर को अपना निशाना बनाया है और उसके मोबाइल को हैक उनके अकाउंट से 8 लाख रुपए ट्रांसफर कर लिए। टीचर ने बेटी की शादी के लिए ये पैसे बैंक से लोन पर लिए थे। लाखों रुपए गंवाने के बाद पीड़ित टीचर अब बैंक व पुलिस थाने के चक्कर काट रहा है। उसका ये भी कहना है कि जब से उसने बैंक से लोन लिया था तभी से उसे अलग अलग अंजान नंबरों से लगातार लोन के लिए फोन आ रहे थे।
बेटी की शादी के लिए लिया था लोन
बहरी थाना इलाके के जोगी बहरा गांव के रहने वाले शिक्षक दिनेश सिंह ने बताया कि जनवरी 2024 में बेटी की शादी होनी है। जून महीने में एसबीआइ मेन ब्रांच से लोन लिया था। बैंक प्रबंधन ने 21 जून को लोन के लिए अलग से खाता खोला। उस लोन खाते से मेरे खाते में 1 लाख रुपए 21 जून को अंतरित किए गए थे। इसके बाद लोन खाते में 7 लाख 97 हजार 500 रुपए बचे थे। 22 जुलाई को लोन खाते से क्रमश: 49 हजार 500, 2 लाख 25 हजार, 15 हजार रुपए अलग-अलग खाते में ट्रांसफर हो गए। इस तरह उनका लोन खाता पूरी तरह से खाली हो गया। पीड़ित के मोबाइल में जब पैसे ट्रांसफर होने का मैसेज आया तो उसके होश उड़ गए।
बैंक से नहीं मिला ठोस जवाब
खाते से राशि ट्रांसफर होने के बाद शिक्षक दिनेश सिंह बैंक शाखा पहुंचे। वहां कोई ठोस जवाब नहीं मिला। इसके बाद शिकायत लेकर सिटी कोतवाली पहुंचे और आवेदन दिया। पुलिस ने जांच कार्रवाई का आश्वासन देते हुए उन्हें वापस भेज दिया। पीड़ित शिक्षक को जब बैंक शाखा व सिटी कोतवाली से किसी प्रकार की कार्रवाई होते नहीं दिखी तो शिकायत लेकर पुलिस अधीक्षक डॉ.रविंद्र वर्मा के पास पहुंचे। एसपी ने जब सायबर सेल के माध्यम से जांच कराई तो सामने आया कि पैसे धनबाद में संचालित खाते में ट्रांसफर हुई है। अब सायबर सेल के सहयोग से पुलिस आरोपियों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
लोन लेने के बाद से ही अनजान नंबर से आ रहे थे फोन
पीड़ित शिक्षक ने बताया, साइबर फ्रॉड मोबाइल हैक कर किया गया। बैंक से लोन लेने के बाद से मेरे पास कई अनजान नंबर से फोन आ रहे थे। ठगों को शायद लोन की जानकारी हो गई थी। उनको मेरे घर के अन्य सदस्यों के भी मोबाइल नंबर मिल गए थे। उनके पास भी वे फोन कर रहे थे। मेरी पर्सनल जानकारी भी उनके पास पहुंच गई थी। कई बार वहां से ओटीपी भेजी गई और मुझसे नंबर पूछा गया, लेकिन मैंने कुछ नहीं बताया। इसके बावजूद खाते से पैसे ट्रांसफर कर लिए।