Home राजनीति “पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने राजनीतिक बहस के बीच राम के सार्वभौमिक संदेश पर जोर दिया”

“पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने राजनीतिक बहस के बीच राम के सार्वभौमिक संदेश पर जोर दिया”

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छतरपुर के बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, ‘राम राजनीति का विषय नहीं हैं। राजनीति धर्म से चलती है। धर्म राजनीति से नहीं चलता। राम की नीति है विश्व में शांति, ऐसे में कोई रोटियां सेक रहा है तो यह मूर्खता है।’ दरअसल, नोएडा में एएनआई ने पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से सवाल किया था कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर विपक्षी दल भाजपा पर राजनीतिक लाभ लेने के आरोप लगा रहे हैं। जिस पर पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, भारत के लोग जगे हुए हैं, वोट अपनी मति अनुसार दें। भारत विश्व गुरु कैसे बने, भारत का विकास कैसे हो, इसके लिए अपना वोट राष्ट्रहित में दें।। राम की स्वयं की नीति है एकता, अखंडता, सम्प्रभुता।

ओवैसी के बयान पर कहा- हमें मस्जिद पर मंदिर नहीं बनाना
एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने हाल ही में बयान दिया था कि मुसलमानो, मस्जिदों को आबाद रखो, नहीं तो एक-एक करके मस्जिदें छीन ली जाएंगी। इस पर पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, ये उनका डर बताता है कि वे कितने कमजोर और निर्दयी हैं। अगर हमको मस्जिद तोड़कर मंदिर बनाना होता तो इतने मंदिरों के जितने पुजारी हैं, वही खत्म कर देते मस्जिदों को। हमें मस्जिदों पर मंदिर नहीं बनाने हैं, जहां हमारे मंदिर थे वहां पुनर्निर्माण करवाने हैं। अब उनको अगर ये डर है, भगवान करे उनका डर बरकरार रहे।

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राम मंदिर जातिवाद के लिए नहीं बन रहा’
राम मंदिर के निर्माण का श्रेय लेने की बात को लेकर पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, राम सबके हैं। जातिवाद के लिए राम मंदिर नहीं बन रहा। शबरी और निषादराज का मंदिर भी बन रहा है। ये जातिवाद के लिए नहीं, राम भक्तों की आस्था के लिए मंदिर बन रहा है।नोएडा में लगभग 6 महीने पहले पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने महिलाओं पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था- जिस स्त्री की शादी हो गई है। उसकी दो पहचान होती है। पहला- मांग का सिंदूर। दूसरा- गले का मंगलसूत्र। जिस स्त्री की मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र न हो, तो समझिए प्लॉट खाली है। जिसकी मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र है, तो हम लोग दूर से देखकर समझ जाते हैं कि रजिस्ट्री हो गई है
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राम मंदिर सनातनियों की सबसे बड़ी विजय’
पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, अयोध्या में राम मंदिर बनना समस्त सनातनियों-हिंदुओं की आज तक की सबसे बड़ी विजय है। ये उत्सव दीपावली से भी ज्यादा खास है। निश्चित ही कोई ऐसा अभागा होगा जिसे इस दिन का इंतजार न हो। सिर्फ देश के लोग ही नहीं, भारतीय मूल के जितने लोग विदेश में रह रहे हैं उन्हें भी इस दिन का इंतजार है। हमारा यही कहना है कि सभी दीपावली मनाएं। प्रेम अत्यधिक होता है तो आंखें ज्यादा बोलती हैं, वाणी कम। ठुमका लगाने को जी चाहता है। अयोध्या जी जाने को जी चाहता है।

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