सतना जिले के बहुचर्चित रामनगर गोलीकांड मामले का फैसला 20 साल बाद बुधवार को आया है। द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजीत कुमार तिर्की ने अपने फैसले में चार महिलाओं समेत 48 आरोपियों को दोषी करार दिया है। उन्हें 7-7 साल की जेल और चार-चार हजार रुपए का जुर्माने की सजा सुनाई है। न्यायालय ने 211 पेज में अपना फैसला लिखा है।
कोर्ट की बिल्डिंग के बाहर खड़े होकर आरोपियों से मुलाकात करते उनके परिजन।
यह है मामला
20 साल पहले 30 अगस्त 2002 को रामनगर निवासी महेश कोल ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। डॉक्टरों ने 2 सितंबर तक शव का पोस्टमार्टम नहीं किया। शव का पोस्टमार्टम 3 दिन बाद भी नहीं करने से ग्रामीणों में नाराजगी थी, यह नाराजगी इस कदर बढ़ गई कि पथराव व गोलीबारी हो गई। इसमें तीन ग्रामीण राम शिरोमणि शर्मा, सतेंद्र गुप्ता व मणि चौधरी की मौत हो गई थी। 12 लोग घायल हो गए थे। जवाब में ग्रामीणों ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। इसमें तत्कालीन एसपी राजाबाबू सिंह और तत्कालीन कलेक्टर एसएन मिश्र के भी चोटें आई थीं।
आरोपियों से मिलने के लिए बड़ी संख्या में उनके परिजन भी कोर्ट पहुंचे। हालांकि पुलिस ने उन्हें कोर्ट की बिल्डिंग में नहीं घुसने दिया।
5 प्रकरणों में दोषमुक्त हो चुके थे आरोपी
रामनगर में हुए इस गोलीकांड में जहां तीन ग्रामीणों की जान चली गई। पुलिस ने आंदोलनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसमें एक ही घटना में छह अलग-अलग प्रकरण दर्ज किए गए। इसमें भाजपा नेता अरुण द्विवेदी समेत 65 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनके विरुद्ध 32 धाराएं लगाई गईं। 20 सालों में 5 प्रकरणों का फैसला आ चुका था। इसमें सभी आरोपित दोषमुक्त पाए गए थे। 6वां और आखिरी मामला बचा था। आखिरी मुकदमा उपद्रव मचाने, बलवा करने तथा एसपी समेत पुलिस पार्टी पर हमला करने का था। इसमें थाना रामनगर में आरोपियों के खिलाफ धारा 307, 323, 294, 353, 333, 147, 148, 149 के तहत मामला कायम था। बुधवार को इस मामले में भी न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया।
65 आरोपियों में से 7 की हो चुकी है मौत
रामनगर गोलीकांड में भाजपा नेता अरुण द्विवेदी, शिवा मिश्रा, हसीनुद्दीन सिद्दिकी कुन्नू, सतेंद्र शर्मा समेत कुल 65 आरोपी पुलिस ने बनाए थे। इन आरोपियों में से रामनाथ गुप्ता समेत 7 आरोपियों की प्रकरण की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो चुकी है। चार महिलाओं सहित 48 लोगों को न्यायालय ने सजा सुनाई।
भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अरुण द्विवेदी पर लोगों को भड़काने का आरोप था।
भाजपा नेता ने भीड़ को भड़काया
गोलीकांड व पथराव मामले में दोषी करार दिए गए भाजपा नेता अरुण द्विवेदी भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य हैं। वे भाजपा के सतना जिला महामंत्री भी रह चुके हैं। अरुण द्विवेदी के भाई प्रदीप द्विवेदी को भी सजा हुई है। एक अन्य आरोपी अधिवक्ता शिवा मिश्रा भी हैं। वे भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की सदस्य रह चुकी हैं। घटना के दौरान भीड़ को भड़काने और कलेक्टर- एसपी पर हमला करने के मामले में इन नेताओं को भी आरोपी बनाया गया था।
आरोपियों की संख्या ज्यादा होने की वजह से उन्हें कोर्ट बिल्डिंग के बरामदे में बैठाया गया।
पहली बार 48 लोगाें को एक साथ सुनाई सजा
अमरपाटन न्यायालय में पहली बार एक साथ इतने लोगों को सजा सुनाई गई। आरोपियों की संख्या ज्यादा होने की वजह से उन्हें न्यायालय के बरामदे में बैठाया गया। आरोपियों से मिलने के लिए बड़ी संख्या में उनके परिजन भी कोर्ट पहुंचे। हालांकि पुलिस ने उन्हें कोर्ट की बिल्डिंग में नहीं घुसने दिया।