विदिशा जिले के श्री हरि वृद्ध आश्रम में अपनों से पीड़ित प्रताड़ित और उपेक्षित बुजुर्गों का उत्साह उस समय और बढ़ गया जब विदेश से अपने वतन आकर डॉक्टर संजीव श्रीवास्तव ने एकाकीपन का जीवन जी रहे बुजुर्गों के उदास चेहरों पर गुलाल लगाकर उनका उत्साह कई गुना बढ़ा दिया, इस अवसर पर वृद्ध आश्रम के बुजुर्गों ने भी अपने पुराने दिनों को याद करते हुए पुराने अंदाज पारंपरिक फाग गाकर बुंदेलखंड के लोक नृत्य राई के साथ ना केवल खूब नृत्य किया बल्कि स्वांग रचाकर और एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली का पर्व मनाया।
इस अवसर पर वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष श्रीमती इंदिरा शर्मा ने कहा कि भारतीय पर्व भाईचारे के साथ जीवन में उत्साह और उमंग का संचार करते हैं ,हमारी कोशिश होती है कि , बुजुर्गों के जीवन में हमेशा ऊर्जा उमंग और उत्साह बना रहे ,यहां वृद्ध आश्रम में रहने को मजबूर वृद्धजनों की नगर के समाज सेवियों ओर सहयोगियों द्वारा वृद्ध अवस्था मे अपने परिवार जैसा प्यार देकर उनकी बेहतर देख रेख की जा रही है,,लंदन से वृद्ध आश्रम में होली मनाने आये डॉ संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि भारत मेरा वतन है, ओर इसकी मिट्टी की खुशबू ये त्योहार ये राग रंग ये खुशियां कहीं और नही मिल सकतीं, मुझे गर्व है कि में भारतवासी हूँ, इस अवसर पर सभी बुज़ुर्गजन आश्रम परिसर में जम कर थिरक ओर सभी रंग गुलाल ओर होली की मस्ती में डूब गए, ढोलक की थाप ओर मंजीरों की झंकार के बीच उनकी ज़िंदगी नाच उठी, अलमस्त मौसम में फूलों के श्रंगारों के बीच, फागुन की मदहोश बहारों के बीच, वृद्ध जन कि कमजोर नैया ओर मजबूत पतवारों के बीच, खून के रिश्तों से दूर, पर दिल के दिलदारों के बीच श्री हरि वृद्ध आश्रम के माता पिता होली के उत्सव Ajit खुशी से झूम उठे।
विदिशा से आशीष सहेले की रिपोर्ट