विदिशा जिले के पठारी। नगर के एक निजी स्कूल के संचालक ने जानबूझकर 8 बच्चों को कक्षा पाँचवीं और आठवीं की मुख्य परीक्षा से वंचित रखा। जिसकी खबर प्रमुखता से प्रकाशित की गई। खबर का असर होते ही जिला, ब्लाक और संकुल स्तर की संयुक्त टीम ने जांच की। जिसमें अनेक अनियमितताएं उजागर हुई है। विभाग ने बच्चों को परीक्षा कराने का आश्वासन दिया है।
शनिवार को नगर के सेंट मैरी कॉन्वेंट स्कूल के कक्षा पांचवी और आठवीं के 8 छात्रों को परीक्षा से वंचित कर दिया था। यह मामला उजागर हुआ था। जिसकी खबर प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी। शासकीय अवकाश होने के बावजूद भी रविवार को जिला शिक्षा केंद्र के जिला परियोजना समन्वयक एसपी सिंह जाटव, कुरवाई बीआरसी अनूप तिवारी, संकुल प्राचार्य डॉ गौरी गोस्वामी, बीएसी गोपाल पंथी और जन शिक्षक रविंद्र साहू, संदीप यादव, रवि कांत रिछारिया की संयुक्त टीम ने सरपंच प्रतिनिधि अखिलेश पिंटू पंथी और स्कूल संचालक आदित्य बाजपेयी की मौजूदगी में स्कूल के अभिलेखों की जांच की गई।
कई कमियां हुई उजागर
जांच के दौरान स्कूल की संचालन और प्रबंधन में कई कमियां उजागर हुई हैं। जिसमें शिक्षा सत्र 2021-22 के परीक्षा परिणाम के अनुसार 6 छात्र ऐसे हैं जो कक्षा पांचवी में दर्ज थे। जो स्कूल के रिकार्ड के अनुसार इन बच्चों ने कक्षा पांचवी उत्तीर्ण कर ली है। जबकि अभिभावकों के पास शिक्षा सत्र 2021-22 के कक्षा 4 की उर्त्तीण की अंकसूची मौजूद है। यह विद्यार्थी शिक्षा सत्र 2022 -23 में कक्षा 6 की मैपिंग एवं फीडिंग में दर्ज है। अभिभावकों के पास कक्षा 5वी की अंक सूचियां मौजूद नहीं है। स्कूल संचालक आदित्य बाजपेयी का कहना है कि यह बच्चे कमजोर होने के कारण कक्षा 5 में पुनः दर्ज किए गए हैं। जबकि स्कूल संचालक ने अभिभावकों से अनुमति प्राप्त नहीं की है। इन बच्चों का पिछले परीक्षा परिणाम ए ग्रेट के है। जो स्कूल के प्रबंधन और संचालन में सवालिया निशान लगा रहा है।
परीक्षा और परिणाम है शंका के घेरे में
जांच में स्कूल की सबसे बड़ी कमी उजागर हुई है। जिसमें स्कूल में विगत वर्षों के संपन्न की गई परीक्षाओं की कॉपियां प्राप्त नहीं हुई है। शत प्रतिशत परीक्षा परिणाम में छात्रों के 80 फ़ीसदी से अधिक अंक प्राप्त हुए हैं। जो स्कूल के संचालन और परीक्षा प्रबंधन पर सवालिया निशान लगा रहा है। जिसको लेकर विदिशा डीपीसी एसपी सिंह जाटव ने इस मामले की बारीकी से अवलोकन और जांच कराने की बात कही है।
सरकार और पालकों दोनों से फीस की वसूली
जांच के दौरान पाया गया कि निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम 2009 के अंतर्गत निशुल्क शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों से स्कूल प्रबंधन के द्वारा फीस वसूली जा रही है। जबकि इन छात्रों की फ़ीस सरकार के द्वारा अदायगी की जा रही है ।कक्षा 5 के छात्र फूल सिंह कुशवाह के पिता प्रीतम कुशवाह ने बताया कि स्कूल प्रबंधन के द्वारा स्कूल की फीस और वाहन की फ़ीस दोनों वसूली की जा रही हैं। स्कूल सरकार और अभिभावक दोनों से फीस अदायगी कर रहा है।
कई सवालों के नही मिल रहे जवाब
अभिभावकों और नागरिकों के कई सवालों का जवाब शिक्षा विभाग और स्कूल प्रबंधन के पास मौजूद नहीं है। स्कूल के रिकॉर्ड के अनुसार इन छात्रों ने विगत वर्ष 2021-22 में कक्षा पांचवी पास कर ली थी। इन बच्चों ने किस परीक्षा केंद्र से पास की है। यदि पिछले वर्ष इन बच्चों का नाम कक्षा 5 में दर्ज है तो अनुपस्थिति के दौरान परीक्षा क्यों संपन्न नहीं कराई। जब इन बच्चों ने परीक्षा नहीं दी तो इन बच्चों की परीक्षा किन बच्चों ने संपन्न कराई है। उनके अभिलेख विभाग और स्कूल में कहां मौजूद हैं। ऐसे सवाल कई सवालों के विभाग और स्कूल के पास मौजूद नहीं है।