बिदिशा जिले में स्थित श्री हरि वृद्ध आश्रम में जैनमुनि पूज्य निर्दोष सागर जी, पूज्य निर्लोप सागर जी, तथा पूज्य मुनि निरुपम सागर जी महाराज पहुचें,आश्रम की अत्याधुनिक सुख सुविधाओं देख जैन मुनि संघ ने प्रसन्नता व्यक्त की, इस अवसर पर आश्रम संचालक ने मुनिश्री के चरण पखारे, वही आश्रम के मंदिर परिसर में अपने शुभ प्रवचनों के माध्यम से उन्होने बुजुर्गजनों से आश्रम को उनका घर बताते हुए कहा की यह रहकर आपको, 3 बातेँ याद रखना है, पहला मीठा बोलना, दूसरा निभा के चलना, ओर परोपकार की भावना रखना, आपस मिलजुल और संचालक को ही अपना सगासम्बन्धी मान उनके कहे का मन रखना, निस्वार्थ सेवा के प्रति सदैव अपनी कृतज्ञता रखना,और यदि ये नही किया तो अपना परलोक भी बिगड़ जाएगा। उन्होंने समस्त बुज़ुर्गों को स्वस्थ और प्रसन्न रहने का मूल मंत्र देते हुए, पवित्र भावना के साथ ओम नमो नमः का जाप करने को कहा। इस तरह आपके सारे रोग, शोक, संताप और दुख समाप्त हो जाएंगे और आप स्वस्थ रहेंगे, तभी आप लोग एक दूसरे के साथ प्रसन्नता के साथ रहेंगे, हमारे साथ कोई माल जाने वाला नही है, लेकिन माला साथ मे जाएगी उन्होंने आश्रम अध्यक्ष इंदिरा वेद प्रकाश शर्मा और समस्त कार्यकर्ता टीम को अपना शुभ आशीर्वाद देते हुए कहा कि आप निस्वार्थ इतना पुण्य कार्य कर रहे हैं, जो वास्तव एक बड़ा कठिन तप है,इससे बड़ कर कोई और पुण्य कार्य हो ही नही सकता। विदिशा से आशीष सहेले की रिपोर्ट।






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