फिरोजाबाद : जिले का एक शख्स बेटी के प्रेम विवाह करने से इस कदर नाराज हुआ कि उसने जीवित बेटी की ही तेरहवीं कर दी. विधि-विधान से पिंडदान भी किया. इतना ही नहीं तेरहवीं का कार्ड भी छपवाया. इसमें बेटी को कुपुत्री लिखा. इसके अलावा लोगों से नरकगामी आत्मा की शांति के लिए कार्यक्रम में शामिल होने की प्रार्थना भी की गई. तेरहवीं रविवार को हो चुकी है. यह मामला शहर भर में सुर्खियों में है.
मामला जिले के टूण्डला इलाके की एक कॉलोनी का है. यहां के रहने वाले एक शख्स बिजली विभाग से रिटायर हो चुके हैं. उनकी बेटी सरकारी टीचर है. बेटी की नौकरी लगने से बाद पिता उसकी शादी के लिए लड़के की तलाश कर रहा था. इस बीच युवती का पड़ोस के ही एक युवक से प्रेम प्रसंग हो गया. पिता ने बेटी को काफी समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानी. युवती और युवक के अलग-अलग जाति के होने के कारण युवती के परिजन इस रिश्ते के खिलाफ थे. उन्होंने बेटी को काफी समझाया लेकिन वह अपनी जिद पर अड़ी रही.
युवती 20 मई को घर से प्रेमी के साथ चली गई. इसके बाद उसने प्रेमी से लव मैरिज भी कर ली. वह अपने पिता से दूर दूसरी जगह रह रही है. इससे खफा होकर पिता ने उससे सारा रिश्ता खत्म कर लिया. बेटी के इस कदम के बाद पिता ने उसे मरा हुआ मान लिया. इसके बाद कासगंज जनपद के सोरों पहुंचकर बेटी का पिंडदान कर दिया. कई परिचित भी इसमें शामिल हुए. इसके बाद रविवार को तेरहवीं भी कराई. इसके लिए बाकायदा कार्ड भी छपवाया. इसे सभी रिश्तेदारों में बंटवा दिया. कार्ड पर लिखवाया कि ‘मेरी कुपुत्री का स्वर्गवास हो गया है, जिसकी आत्मा की शांति के लिए मृत्यु भोज और पिंडदान रविवार को होना सुनिश्चित हुआ है. कृपया पधार कर नरकगामी आत्मा को शांति प्रदान करें’