मामला यूपी के चंदौसी विधानसभा के बुद्धनगर खंडवा का है, जहां दो दिन पहले एक यूटूब पत्रकार संजय राणा ने भरे मंच मे जाकर माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी से विकाश के वादों से जुड़े सवाल कर दिए, जिसके बाद कुछ कार्यकर्ताओं ने आपत्ति जताई, फिर जबाब मे मंत्री ने संजय से कहा की, मैं तेरी नजर पहचान रही थी, तू जब मंच के नीचे था, तभी तेरी नजर पहचान गई थी, फिर एक गाव का नाम याद दिलाते हुए, कहा ये गाव तू भूल गया ये भी मेरा है, अभी वक्त नहीं मिला है, जो जो वादे मैंने किए है,सब पूरे करेंगे, सबको लगा की मामला खत्म हो गया लेकिन, बाद मे एक कार्यकर्ता की शिकायत पर पत्रकार के ऊपर धारा 151 के तहत मुकदमा दर्ज करके, पत्रकार संजय राणा को गिरफ्तार कर लिया गया, हालांकि फिर जमानत दे दी गई। लेकित तब तक विडिओ और संजय की गिरफ़्तारी की खबर वाइरल हो गई, अखिलेश यादव ने भी ट्वीट किया, मामले मे जब मंत्री से बात की गई तो मंत्री ने खुद को मामले से पूरी तरह अलग कर चलते बनी। लेकिन मंत्री से सवाल जबाब और संजय राणा की गिरफ़्तारी से दो बाते हुई, एक संजय राणा वाइरल हो गए, दूसरा विपक्ष को एक मुद्दा मिल गया। और मामले ने एक सवाल छोड़ दिया क्या अब सरकार से सवाल करना गुनाह है, क्या हम अपनी तरक्की का हिसाब नहीं मांग सकते। लेकिन एक बात जिस पर चर्चा होना चाहिये उस पर हुई ही नहीं वो बात है, पत्रकार से मंत्री के बात करने के लहजे का, जिस तरह गुलाब देवी, तू, तेरा, तुझको कह कर बातचीत कर रही है, उससे स्पष्ट है की क्षेत्र के लोगों से कैसे बात करती होंगी।