उत्तर प्रदेश के शिक्षा जगत में एक ऐसी खबर आई है, जिसने न सिर्फ अमरोहा बल्कि पूरे प्रदेश को गर्व महसूस कराया है। यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा के परिणाम में अमरोहा की साक्षी ने 96.80 प्रतिशत अंक हासिल कर प्रदेशभर में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। इस सफलता ने न केवल साक्षी के परिवार बल्कि उनके स्कूल और पूरे जिले को भी गर्व से भर दिया है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि एक छोटे से कस्बे से निकलकर कोई छात्रा किस तरह से प्रदेश के टॉप रैंक में अपनी जगह बना सकती है? आइए, जानते हैं इस प्रेरणादायक कहानी के बारे में।
श्री नारायण स्मारक इंटर कॉलेज, गजरौला की छात्रा साक्षी की मेहनत और लगन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया है। एक छोटे कस्बे से होने के बावजूद साक्षी ने अपनी प्रतिभा और कठिन मेहनत से यूपी बोर्ड के इंटरमीडिएट परिणाम में दूसरा स्थान हासिल किया। गजरौला जैसे छोटे स्थान से निकलकर साक्षी ने पूरे उत्तर प्रदेश में अपनी पहचान बनाई। उनके इस ऐतिहासिक सफलता से न सिर्फ जिले के लोग बल्कि उनके शिक्षकों और परिवार के सदस्य भी गर्व से अभिभूत हैं।
साक्षी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, गुरुजनों और अपनी कड़ी मेहनत को दिया है। उनका मानना है कि सफलता केवल कठिन परिश्रम और आत्मविश्वास के साथ हासिल की जा सकती है। साक्षी के घर में बधाइयों का तांता लग गया है, और उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है। जब से साक्षी का नाम टॉपर्स की सूची में आया है, उनके घर पर लगातार लोगों का आना-जाना बना हुआ है। साक्षी की मेहनत और समर्पण ने साबित कर दिया है कि अगर इंसान खुद पर विश्वास रखे और सही दिशा में मेहनत करे, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।
यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा में साक्षी के अलावा अन्य छात्र-छात्राओं ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है। प्रयागराज की महक जायसवाल ने 97.20 प्रतिशत अंक के साथ प्रथम स्थान प्राप्त किया है। वहीं, आदर्श यादव, शिवानी सिंह और अनुष्का सिंह ने 96.80 प्रतिशत अंक के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। इस साल के परीक्षा परिणाम में कुल 81.15 प्रतिशत छात्रों ने सफलता प्राप्त की है, जबकि लड़कियों का पास प्रतिशत 86.37 प्रतिशत रहा है, जो एक और सकारात्मक संकेत है।
यूपी बोर्ड परीक्षा के परिणाम ने एक और महत्वपूर्ण आंकड़े को उजागर किया है। इस बार यूपी बोर्ड की हाई स्कूल परीक्षा में 90.11 प्रतिशत परीक्षार्थी सफल रहे, जबकि इंटरमीडिएट परीक्षा में 81.15 प्रतिशत छात्र पास हुए। यह सफलता निश्चित रूप से शिक्षा के क्षेत्र में किए गए प्रयासों का परिणाम है। इस बार की परीक्षा में लड़कियों ने लड़कों से बेहतर प्रदर्शन किया, और यह दर्शाता है कि लड़कियों का शिक्षा में योगदान और सफलता निरंतर बढ़ रही है।
हालांकि इस साल 3 लाख 2 हजार 508 परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी थी, फिर भी बाकी छात्र-छात्राओं ने अपनी मेहनत और समर्पण से दिखा दिया कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता। साक्षी जैसे विद्यार्थियों के उदाहरण से यह संदेश मिलता है कि यदि किसी के पास दृढ़ निश्चय और मेहनत की ताकत हो, तो कोई भी मुश्किल राह आसान हो जाती है। अब साक्षी की सफलता न केवल अमरोहा बल्कि पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है।





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