उन्नाव के आसमान में धुआं ही धुआं था। लोग सोच भी नहीं पा रहे थे कि आखिर इतनी भीषण आग कहां से उठी? धमाकों की आवाज़ों से इलाका दहल उठा। लोग जब तक समझ पाते कि माजरा क्या है, तब तक एक-एक कर 71 नई चमचमाती कारें आग की चपेट में आ चुकी थीं। ये कोई आम आग नहीं थी—ये थी पराली की एक चिंगारी से उठी वो विकराल लपटें, जिसने करोड़ों का नुकसान कर डाला। यूपी के उन्नाव जिले के नेहरूबाग स्थित किया मोटर्स के वेयरहाउस में बुधवार को दोपहर जो हुआ, वो एक चेतावनी है… आग एक चेतावनी है, सिस्टम के लिए, समाज के लिए और हम सबके लिए।
बताया जा रहा है कि नेहरूबाग औद्योगिक क्षेत्र में स्थित इस वेयरहाउस में कुल 120 नई कारें खड़ी थीं। इन्हें कानपुर के शोरूम्स और अन्य डीलरों को भेजा जाना था। लेकिन तभी वेयरहाउस के पीछे किसी ने पराली जला दी। गर्मी और तेज हवा ने मिलकर उस चिंगारी को लपट में बदला और देखते ही देखते कारों की लंबी कतार आग का शिकार हो गई। हर कार के टायर धमाके से फट रहे थे। पेट्रोल भरी गाड़ियों ने आग को और भड़का दिया। दमकल की छह गाड़ियों को तीन घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी, लेकिन तब तक 71 कारें जलकर राख हो चुकी थीं।
जब आग लगी, तब वेयरहाउस में कोई मौजूद नहीं था—ये बात खुद आसपास की फैक्ट्रियों के कर्मचारियों ने बताई। उन्होंने ही सबसे पहले धुएं का गुबार देखा और फायर ब्रिगेड को फोन किया। मुख्य अग्निशमन अधिकारी अनूप सिंह और CO सिटी सोनम सिंह ने घटना स्थल पर पहुंच कर हालात का जायज़ा लिया। अनूप सिंह ने बताया कि आग इतनी भीषण थी कि दमकल की टीम को बार-बार पानी भरने के लिए लौटना पड़ा। वहीं, वेयरहाउस के इंचार्ज राजेश गुप्ता के अनुसार यहां खड़ी गाड़ियों में पेट्रोल भरा था, जिससे आग तेजी से फैली।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग इतनी विकराल थी कि कारों का लोहा तक पिघल गया। जली हुई गाड़ियों की कतारें, टेढ़े-मेढ़े ढांचे और जगह-जगह पिघली हुई धातु ने उस भयावहता की तस्वीर पेश की जो शब्दों में बयां करना मुश्किल है। आसपास के इलाके में बिजली आपूर्ति रोक दी गई और फैक्ट्रियां बंद कर दी गईं। स्थानीय लोग दहशत में अपने घरों से बाहर निकल आए। धुंआ इतना गाढ़ा था कि कई किलोमीटर दूर से देखा जा सकता था।







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