ब्यौहारी के अखेटपुर स्थित सरस्वती स्कूल में बीती रात अज्ञात बदमाशों ने भारी तोड़फोड़ मचाई, जिससे न केवल स्कूल प्रशासन बल्कि पूरे गांव में दहशत का माहौल बन गया। बदमाशों ने स्कूल की संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हुए रजिस्टरों को आग के हवाले कर दिया, कई दरवाजों के ताले तोड़ दिए और पंखों समेत अन्य जरूरी सामान को क्षतिग्रस्त कर दिया। इस घटना के बाद स्कूल के प्राचार्य शिवकुमार पटेल ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह की वारदात शिक्षा के मंदिर को अपवित्र करने के समान है और यह हमारे लिए एक बड़ा सदमा है। उन्होंने बताया कि पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी गई है और दोषियों को जल्द पकड़ने की मांग की गई है।
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अज्ञात बदमाशों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। थाना प्रभारी अरुण पांडे ने जानकारी दी कि बदमाशों ने स्कूल के दरवाजों के ताले तोड़े और जरूरी कागजातों को भी नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि हमारी टीम अपराधियों की तलाश में जुट गई है और जल्द ही इस मामले में ठोस कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने स्कूल की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं और स्थानीय प्रशासन से सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की मांग उठने लगी है।
गांव के लोगों में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है। एक स्थानीय निवासी ने बताया कि विद्यालय केवल शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक और सामाजिक धरोहर भी है। ऐसी घटनाएं न केवल बच्चों की शिक्षा को प्रभावित करती हैं, बल्कि पूरे समाज के भविष्य को भी खतरे में डालती हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं से क्षेत्र में असुरक्षा का माहौल बनता है और बच्चों के भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
इस घटना से पूरे गांव में भय और असुरक्षा का माहौल व्याप्त हो गया है। लोग मांग कर रहे हैं कि प्रशासन इस मामले में शीघ्र कार्रवाई करे ताकि अपराधियों को सजा मिले और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। गांववालों का कहना है कि अगर दोषियों को जल्द गिरफ्तार नहीं किया गया तो वे बड़े आंदोलन का रुख अख्तियार करेंगे।
सरकारी स्तर पर भी इस मामले को गंभीरता से लेने की जरूरत है। स्कूलों की सुरक्षा के लिए नए उपायों को लागू करने और सीसीटीवी कैमरे लगाने जैसी मांगें उठ रही हैं। प्रशासन को चाहिए कि इस घटना से सीख लेते हुए सभी सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए। क्या प्रशासन इस घटना से सबक लेकर कोई कड़ा फैसला लेगा या फिर यह मामला भी सिर्फ फाइलों तक ही सीमित रह जाएगा?