नई दिल्ली, 2 मार्च 2025: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करते हुए टैरिफ वॉर की औपचारिक घोषणा कर दी है। इस दौरान उन्होंने भारत का दो बार नाम लिया और संकेत दिया कि अमेरिका अब किसी भी देश द्वारा लगाए गए टैरिफ का मुंहतोड़ जवाब देगा। ट्रंप ने कहा कि 2 अप्रैल से अमेरिका भी उन देशों पर बराबर टैरिफ लगाएगा, जो अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क लगाते हैं। ट्रंप के इस बयान के बाद वैश्विक व्यापारिक हलकों में हलचल मच गई है।
भारत पर ट्रंप का निशाना, 100% टैरिफ को बताया अन्यायपूर्ण
अपने संबोधन में ट्रंप ने दो बार भारत का जिक्र किया और कहा कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर 100% टैरिफ लगाता है, जो बिल्कुल गलत है। ट्रंप ने जोर देते हुए कहा कि अन्य देश दशकों से अमेरिका के खिलाफ टैरिफ का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन अब अमेरिका इस नीति का जवाब देगा। उन्होंने कहा, “जो देश हमारे उत्पादों पर टैरिफ लगाएगा, हम भी उसी अनुपात में टैरिफ लगाएंगे।” ट्रंप ने साफ कहा कि उनका प्रशासन अमेरिकी उद्योगों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है और अब टैरिफ नीति को उसी अनुरूप बदला जाएगा।
अमेरिका के प्रमुख व्यापारिक साझेदार भी ट्रंप के निशाने पर
अपने भाषण में ट्रंप ने यूरोपीय संघ, चीन, ब्राजील, भारत, मैक्सिको और कनाडा का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि ये सभी देश अमेरिका पर टैरिफ लगाते हैं, जो कि बेहद अनुचित है। ट्रंप ने कहा, “भारत हम पर 100% से अधिक ऑटो टैरिफ लगाता है, जबकि चीन का औसत टैरिफ हमारे द्वारा लगाए गए टैरिफ से दोगुना है। दक्षिण कोरिया तो चार गुना ज्यादा टैरिफ लगाता है।” उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका इन सभी देशों को सैन्य और आर्थिक रूप से मदद करता है, लेकिन बदले में उसे सिर्फ अनुचित व्यापारिक नीतियां मिलती हैं।
टैरिफ युद्ध की शुरुआत, अप्रैल में नए नियम होंगे लागू
ट्रंप ने अपने भाषण में यह स्पष्ट कर दिया कि 2 अप्रैल से “रेसिप्रोकल टैरिफ” (पारस्परिक टैरिफ) लागू किया जाएगा। इस नई नीति के तहत अमेरिका उन सभी देशों पर उतना ही टैरिफ लगाएगा, जितना वे अमेरिका पर लगाते हैं। मजाकिया अंदाज में ट्रंप ने कहा कि वे इसे 1 अप्रैल (अप्रैल फूल डे) से लागू करना चाहते थे, लेकिन इससे गलत संदेश जाता। उन्होंने स्वीकार किया कि इस देरी की वजह से अमेरिका को कुछ आर्थिक नुकसान होगा, लेकिन देशहित में यह कदम जरूरी है।
टैरिफ क्या है और इसका असर क्या होगा?
टैरिफ, एक प्रकार का कर (टैक्स) है, जिसे सरकारें आयात या निर्यात होने वाली वस्तुओं और सेवाओं पर लगाती हैं। इसका मुख्य उद्देश्य घरेलू उद्योगों की रक्षा करना, राजस्व बढ़ाना और व्यापार संतुलन बनाए रखना होता है। उदाहरण के लिए, यदि भारत अमेरिका से वाशिंगटन सेब खरीदता है और उसकी कीमत 100 रुपये प्रति किलो है, तो यदि भारत इस पर 100 रुपये प्रति किलो का टैरिफ लगा देता है, तो इसका मूल्य 200 रुपये प्रति किलो हो जाएगा। इससे अमेरिकी उत्पाद भारत में महंगे हो जाएंगे और उनकी मांग घट सकती है।
अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने का सीधा असर वैश्विक व्यापार पर पड़ेगा, विशेष रूप से भारत और चीन जैसे देशों पर, जो बड़े पैमाने पर अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत सरकार इस नई नीति का कैसे जवाब देती है।