संगम स्नान से पहले मौत की त्रासदी, यातायात अव्यवस्था ने ली जान
प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान एक हृदयविदारक घटना सामने आई, जब महाराष्ट्र के गोदिया जिले से आए 62 वर्षीय नारायण तिवारी की पत्नी, रेखा देवी, भारी जाम के कारण समय पर इलाज न मिलने से दम तोड़ बैठीं। संगम स्नान के लिए निकला यह दंपति जीवनभर साथ निभाने की कसमें खाकर यात्रा पर निकला था, लेकिन प्रयागराज पहुंचते ही दर्दनाक हालातों का शिकार हो गया। शुक्रवार को परिवार के साथ निकले नारायण तिवारी को भारी ट्रैफिक के चलते शनिवार को संगम क्षेत्र पहुंचने में कई घंटे लग गए। जैसे ही उन्होंने अपनी गाड़ी से उतरने की कोशिश की, उनकी पत्नी को अचानक सांस लेने में तकलीफ होने लगी। परिवार तुरंत अस्पताल की ओर भागा, लेकिन भीषण जाम ने उनकी राह रोक दी।
तीन घंटे तक जाम में फंसी एंबुलेंस, रास्ता न मिलने से मौत
महाकुंभ में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ और अव्यवस्थित यातायात व्यवस्था के चलते इस परिवार को शहर के अस्पताल तक पहुंचने में तीन घंटे से अधिक समय लग गया। जब तक वे जीवन ज्योति हॉस्पिटल पहुंचे, तब तक रेखा देवी की हालत गंभीर हो चुकी थी। वहां डॉक्टरों ने उन्हें स्वरूप रानी अस्पताल रेफर किया, लेकिन जाम में फंसी एंबुलेंस ने उनकी उम्मीदें छीन लीं। नारायण तिवारी ने बताया कि चारों तरफ वाहनों की लंबी कतारें थीं, कोई वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध नहीं था और किसी भी प्रशासनिक मदद की व्यवस्था नजर नहीं आई। जब तक वे अस्पताल पहुंचे, रेखा देवी की सांसें थम चुकी थीं, और नारायण तिवारी के सामने ही उनकी पत्नी ने दम तोड़ दिया।
प्रशासनिक लापरवाही पर उठे सवाल, कुंभ मेले की तैयारियों पर संदेह
इस दर्दनाक घटना के बाद महाकुंभ की तैयारियों और यातायात प्रबंधन पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बावजूद प्रशासन द्वारा किसी भी आपातकालीन निकासी मार्ग की समुचित व्यवस्था नहीं की गई थी। नारायण तिवारी ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी पत्नी की जान बच सकती थी, अगर उन्हें समय पर चिकित्सा सुविधा मिल पाती। यह घटना प्रशासनिक लापरवाही का जीता-जागता उदाहरण बन गई है, जो कुंभ मेले जैसी विशाल धार्मिक सभाओं के दौरान आवश्यक चिकित्सा और यातायात व्यवस्थाओं की पोल खोल रही है।