उत्तरप्रदेश किसानों का पलायन रोकने के उद्देश्य से मनरेगा योजना लागू की गई थी। इस योजना के तहत गैर प्रांतों में जाकर मजदूरी करने वाले किसान मजदूर को गांव में ही रोजगार उपलब्ध करने का मुख्य उद्देश्य था। लेकिन हर साल ग्राम पंचायतों में कराए गए कार्यों में अनियमिताएं पाई जाती हैं। विकास कार्यों का हर साल ऑडिट भी कराया जाता है। इस साल भी उत्तर प्रदेश की बांदा जिले में 2022-23 में कराए गए विकास कार्यों में 377 ग्राम पंचायतों में 83. 88 लाख से अधिक की अनियमिताएं पाई गई हैं।
*हर साल मिलती है 100 करोड़ की धनराशि*
बांदा जिले में प्रतिवर्ष करीब 100 करोड़ से अधिक के कार्य ग्राम पंचायत में मनरेगा के अंतर्गत कराए जाते हैं। भारत सरकार मनरेगा से होने वाले विकास कार्यों का सोशल ऑडिट कराती है। इसके लिए बाकायदा ग्राम पंचायत स्तर पर सोशल आडिट टीमें लगाई जाती हैं। मनरेगा में वित्तीय वर्ष 2022-23 में कराए गए विकास कार्यों में सोशल आडिट टीम द्बारा आडिट शुरू करते ही अनियमिताओं की परतें खुलने लगी। जिससे ग्राम पंचायतों में कराए गए कार्यों की असली तस्वीर सामने आने लगी है। ग्राम पंचायत स्तर पर लगाई गई सोशल ऑडिट टीमों ने इस साल जब सत्यापन का कार्य पूरा किया तो 377 ग्राम पंचायतों में 83 लाख 88 हजार 986 रुपए की अनियमिताएं पकड़ी गई। इतना ही नहीं भ्रष्टाचार में लिप्त ग्राम पंचायतों के प्रधान व सचिव तीन करोड़ से अधिक के कार्यों के अभिलेख प्रस्तुत नहीं कर सके। सोशल आडिट टीम ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट जिला विकास विभाग को सौंप दी है।
*ब्लॉक बार सोशल ऑडिट*
सोशल आडिट टीम ने बबेरू ब्लाक के 49 ग्राम पंचायतों में आडिट किया यहां 8,46778 रुपए का घपला मिला। इसी तरह बड़ोखर ब्लॉक में 49 ग्राम पंचायतों में 19 लाख 26734 रुपए, बिसंडा ब्लाक में भी 49 ग्राम पंचायत की जांच हुई यहां 1669420 रुपए, जसपुरा ब्लॉक में 24 ग्राम पंचायत की जांच हुई यहां 1550998 रुपए की गड़बड़ी पाई गई। कमासिन ब्लाक के 39 ग्राम पंचायत में 11 लाख 20 रुपए की गड़बड़ी मिली। महुआ ब्लॉक में 70 ग्राम पंचायत में सोशल ऑडिट हुआ, यहां 1199039 रुपए की गड़बड़ी मिली। नरैनी ब्लॉक में 54 ग्राम पंचायतों की जांच की गई इनमें 28968 रुपए की गड़बड़ी मिली। इसी प्रकार तिंदवारी ब्लाक में 43 ग्राम पंचायतों की जांच में 838898 रुपए की गड़बड़ी पाई गई।
सोशल आडिट टीम को ग्राम पंचायत में मेड़बंदी, तालाब खुदाई, खरंजा निर्माण में ज्यादातर अनियमितताएं मिली हैं। कई ग्राम पंचायतों में संपर्क मार्ग के मिट्टी का कार्य में भी अनियमिताएं मिली है। इसी तरह मस्टर रोल में भी गड़बड़ी पाई गई है। जो मजदूर मर चुके हैं उनके भी नाम मस्टर रोल में मिले हैं। जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि मस्टर रोल में ग्राम प्रधानों ने फर्जी मजदूरों के नाम भर के लाखों रुपए का घपला किया है। इस बारे में जिला विकास अधिकारी बांदा रामाशंकर का कहना है कि ग्राम पंचायतों में सोशल ऑडिट के दौरान भारी अनियमिताएं मिली हैं। इसके लिए नए सिरे से जांच कराई जा रही है। अनियमितताएं पाए जाने पर हड़पी गई धनराशि की रिकवरी कराई जाएगी।
: अनुपम अनूप
Top News: बुंदेलखंड में गरीब लाचार धनपति बने मालामाल, उत्तर प्रदेश मनरेगा के तहत बड़ी संख्या में मजदूरों के फर्जी नाम मस्टर रोल में दर्ज, हड़पी राशि
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