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टीकमगढ़ कृषि विज्ञान केंद्र टीकमगढ़ के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. बी.एस. किरार, वैज्ञानिक डॉ. आर.के. प्रजापति, डॉ. एस.के. सिंह, डॉ. यू.एस. धाकड, डॉ. एस.के. जाटव, डॉ. आई.डी. सिंह एवं जयपाल छिगारहा द्वारा ज़िले के पशु पालकों को तकनीकी सलाह दी जा रही है कि इस समय जिले में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ठंड के कारण आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। हर कोई इस कड़ाके की ठंड से प्रभावित है। ऐसे में पालतू पशुओं खासकर दुधारू पशुओं भैंस गाय बकरी मुर्गी आदि को भी इस ठंड के प्रकोप से प्रभावित हो रहे है। पशुपालक सावधानी बरतते हुए कुछ बातों का ध्यान रखें तो अपने पशुओं का इस ठंड से बचाव करते हुये उनसे अच्छा उत्पादन ले सकते हैं।
डॉ. बी.एस. किरार ने बताया कि पशुओं के बांधने वाली जगह पशुशाला के खिड़की दरवाजे तथा खुले भाग को टाट के बोरों या घास फूस की टटिया बनाकर बंद रखें। जिनको दिन के समय धूप निकलने पर कुछ समय के लिए खोल दें, जिससे धूप अंदर जा सके गाय भैंस बकरी आदि जानवरों को दिन के समय बाहर तभी निकाले जब धूप निकल आए धूप न निकलले तथा ठंडी हवा चलने की अवस्था में पशुओं को दिन में भी पशुशाला के अंदर ही रखें धूप निकलने पर पशुओं को बाहर खुले में बांधने तथा कुछ देर के लिए उन्हें खुला छोड़ दें जिससे वह व्यायाम कर सके और उनके शरीर में ऊर्जा का संचार हो सके। पशुओं को नियमित तौर पर संतुलित आहार खाने को दें पशु आहार में नमक और खनिज लवण मिश्रण का 50- 50 ग्राम समावेश जरूरी करें सभी छोटे बड़े पशुओं को पेट के कीड़ों की दवा उन्हें उनके शरीर भार के अनुसार खिलाएं बरसीम आदि हरा चारा ताजा न खिलाकर एक दिन उसे फैला कर छोड़ दें तथा अगले दिन उसे खाने को दें इससे हरे चारे में पानी की कुछ मात्रा कम हो सकेगी तथा पशुओं को सर्दी का प्रकोप कम होगा अत्यधिक ठंड की अवस्था में भैंस को 250 से 300 ग्राम गुड और 200 ग्राम मेथी दाना के साथ 20 से 30 ग्राम अजवाइन अवश्य खिलाएं भेड़ और बकरी को 50 से 80 ग्राम गुड़ और 50 ग्राम मेथी दाना के साथ 20 ग्राम अजवाइन खाने को दें अत्यधिक ठंड की अवस्था में बकरियों को 5 से 6 लहसुन की कली भी खिला सकते हैं इससे ठंड से बचाव होता है।
डॉ. किरार ने कहा कि रात के समय पशुओं के बाड़े में कुछ समय के लिए आग जलाकर उन्हें तपाने का प्रबंध अवश्य करें दिन में कम से कम 3 बार उन्हें ताजा और स्वच्छ पानी अवश्य पिलायें पशुशाला को पूरी तरह से साफस्वच्छ और सूखा रखें सप्ताह में कम से कम एक बार पशुशाला में फिनायल का घोल या चूना का छिड़काव करते रहें पशुओं को चारा खिलाने वाली नादो कि नियमित सफाई करें पशुशाला में पशुओं के नीचे बिछावन के रूप में धान की पुआल या बाजरा की कुट्टी आदि का प्रयोग करेंण् इसे नियमित अंतराल पर बदलते भी रहें पशुओं के शरीर पर कुछ दिन के अंतराल पर खुरेरा करते रहें अगर कोई स्वास्थ्य समस्या दिखाई देती है तो तुरंत पशु चिकित्सक से परामर्श लें।
निरंतर तापमान में गिरावट एवं शीत लहर के कारण ठंड से बचाव हेतु सलाह
सिविल सर्जन डॉ. अमित शुक्ला ने टीकमगढ़ जिले में निरंतर तापमान में गिरावट एवं शीत लहर के कारण ठंड से बचाव हेतु सभी नगारिकों को सलाह दी गई। उन्होंने कहा कि अनावश्यक यात्रा से बचे अधिक से अधिक घर के अंदर हो रहें। शारीरिक तापमान को बनाये रखने के लिये गरम तरल पदार्थाें का उपायोग करें। विटामिन से युक्त फल जैसे संतरा एवं हरी सब्जियों का उपयोग करें जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बड़ती है एवं शरीर का तापमान बढ़ाने में मदद मिलती है। बृद्ध एवं बच्चों को पर्याप्त मात्रा में गरम कपड़े पहनने चाहिये। बृद्धों को सुबह-शाम बॉक पे नहीं जाना चाहिये क्योंकि ठण्ड के मौसम में दिल के दौरे एवं लकवे के दौरे पड़ने की आर्थिक सम्भावना रहती है। कोयले की अंगीठी या अलाव का उपयोग खुले ध्यान स्थान में करना चाहिये, बंद कमरे में नहीं करना चाहिये। बंद कमरे में अंगीठी या अलाव के उपयोग से खतरनाक गैसें जैसे कार्वन मोनो ऑक्साइड जैसी गैंसे निकलतीं है जिससे मृत्यु होने की संभावना होती है।