रामनगर थाना क्षेत्र से लापता हुई एक नाबालिग लड़की को अगवा कर उसके साथ दुष्कृत्य करने और बिन ब्याही मां बनाने के मामले में अदालत ने आरोपी को अलग – अलग धाराओं में दोषी पाते हुए 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
अमरपाटन न्यायालय के प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश दीपक शर्मा ने नाबालिग के अपहरण,बलात्कार तथा पॉक्सो एक्ट के तहत मुकेश कुशवाहा पिता दीनदयाल कुशवाहा निवासी झिन्ना अमरपाटन को 10 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 4 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। प्रकरण में शासन की तरफ से एजीपी उमेश शर्मा ने पैरवी की।
अभियोजन के अनुसार 29 मार्च 2016 को घर से स्कूल के लिए निकली 14 वर्षीया नाबालिग लापता हो गई थी। परिजनों ने हर संभावित ठिकाने पर तलाश के बाद भी नाकाम रहने पर रामनगर थाना में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस भी उसकी तलाश नही कर पाई। लगभग 19 माह बाद नाबालिग तब वापस आई जब उसे यह संदेशा दिलाया गया कि उसकी मां का निधन हो गया। वह जब लौटी तो उसकी गोद में एक बच्चा भी था।
रामनगर पुलिस ने जब नाबालिग से पूछताछ की तो उसने बताया कि मुकेश कुशवाहा से उसकी जान पहचान थी। दोनों की आपस मे बात और मुलाकात भी होती थी। वह 29 मार्च 2016 को घर से पेपर देने स्कूल गई थी। मुकेश ने उसी दिन उसे जिगना बुलाया था। जब वह वहां पहुंची तो मुकेश शादी का प्रलोभन देकर उसे अपने साथ जबलपुर ले गया। वहां के बाद उसे लेकर मुकेश गुजरात पहुंचा जहां एक कमरा किराए पर लेकर उसने नाबालिग को रखा और एक प्राइवेट संस्थान में नौकरी करने लगा। यहीं उसने लगातार उसका शारीरिक शोषण किया जिससे वह गर्भवती हो गई। उसने एक बेटे को जन्म भी दिया। इस बीच नाबालिग ने कई बार मुकेश से घर चलने को कहा लेकिन वह तैयार नही हुआ।
पीड़िता के बयान के आधार पर रामनगर थाना पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर प्रकरण अदालत में पेश किया। अदालत ने उसे 10 वर्ष कैद और जुर्माना की सजा सुनाई।