इंदौर की एक युवती ने शादी की पहली रात वर्जिनिटी चेक करने की कुरीति के खिलाफ साहसिक कदम उठाया है। यह मामला इंदौर के बाणगंगा इलाके की एक युवती का है, जिसने अपने ससुराल वालों पर वर्जिनिटी चेक करने के लिए अमानवीय तरीके अपनाने का आरोप लगाया है, जिससे उसे मानसिक और शारीरिक यातनाओं का सामना करना पड़ा। युवती ने इस कुप्रथा के खिलाफ अदालत का सहारा लिया, और इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इंदौर जिला कोर्ट ने ससुरालवालों के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया। यह कदम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ उठाया गया एक साहसिक प्रयास है।
यह मामला 2019 में भोपाल के एक युवक से हुई शादी के बाद सामने आया, जब युवती को गर्भपात और मृत बच्ची को जन्म देने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा। वर्तमान में उसकी एक बेटी है। महिला की शिकायत के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस मामले की जांच की, जिसमें यह खुलासा हुआ कि शादी की पहली रात ससुरालवालों ने वर्जिनिटी चेक करने के लिए गलत और अमानवीय तरीके अपनाए। इसके अतिरिक्त, पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि उसे दहेज के लिए शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का शिकार बनाया गया।
यह घटना न सिर्फ महिला उत्पीड़न के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि समाज में जागरूकता और संवेदनशीलता बढ़ाने का भी प्रयास है। कोर्ट ने इस मामले को महिला उत्पीड़न का गंभीर मामला मानते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है। यह मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए समाज में महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा और उनके प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने की आवश्यकता को भी उजागर करता है। The Khabardar News इस मामले को उठाते हुए समाज में जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि ऐसी कुरीतियाँ समाप्त हो सकें और महिलाओं को उनके अधिकारों का सम्मान मिल सके।





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