नमस्कार, आज हम बात करेंगे एक ऐसी अभिनेत्री की, जिनकी मासूमियत और अभिनय ने लाखों दिलों में जगह बनाई, लेकिन जिनकी असामयिक मृत्यु ने फिल्म इंडस्ट्री को सदमे में डाल दिया। हम बात कर रहे हैं दिव्या भारती की, जिनकी जिंदादिली, शरारतें, और अभिनय आज भी याद की जाती हैं। लेकिन 19 साल की उम्र में उनका अचानक निधन क्यों हुआ, क्या था इसका रहस्य? चलिए, इस वीडियो में जानते हैं दिव्या के जीवन और उनके निधन के बारे में।
दिव्या भारती का जन्म 25 फरवरी 1974 को हुआ था। बहुत ही कम समय में उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी छाप छोड़ी। उनके करियर की शुरुआत तेलुगू फिल्म ‘बॉबिली राजा’ से हुई, जिसने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया। बाद में दिव्या ने बॉलीवुड में भी अपनी किस्मत आजमाई और 1992 में आयी फ़िल्म ‘दीवाना’ के साथ उनकी लोकप्रियता ने न केवल हिंदी सिनेमा में बल्कि देश भर में उनकी पहचान बना दी। उनकी चंचल और चुलबुली अदाकारी से वे हर किसी के दिलों में बस गईं।
दिव्या के बारे में कहा जाता था कि वे एक “वन टेक एक्टर” थीं। यानी, एक ही शॉट में उनका काम इतना परफेक्ट होता था कि कई बार निर्देशक उन्हें बार-बार रीटेक देने की ज़रूरत महसूस नहीं करते थे। ‘दीवाना’ के निर्माता गुड्डु धनोआ ने बताया कि दिव्या अपने काम के प्रति पूरी तरह से समर्पित थीं, यहाँ तक कि बुखार होने पर भी वह शूटिंग करती रही थीं। उनकी ऐसी जिद्द ने उन्हें इंडस्ट्री में एक खास जगह दिलाई।
दिव्या का निजी जीवन भी बहुत दिलचस्प था। फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले ही उन्हें कई फिल्म ऑफ़र होने लगे थे, लेकिन उनकी माँ के मुताबिक, दिव्या का ज्यादा ध्यान स्कूल में पढ़ाई करने से अधिक फिल्मों के अभिनय में था। 18 साल की उम्र में दिव्या ने निर्माता साजिद नाडियाडवाला से शादी कर ली, जिसके बारे में शुरुआत में उनके परिवार को कोई खास खुश नहीं था, लेकिन बाद में सब कुछ ठीक हो गया। उनकी शादी के बाद उनका निजी जीवन भी सुर्खियों में रहा।
1992 में दिव्या की तीन बड़ी फिल्में रिलीज़ हुईं – ‘विश्वात्मा’, ‘शोला और शबनम’, और ‘दिल का क्या कसूर’। इन फिल्मों में उनके अभिनय ने उन्हें दर्शकों के बीच एक प्रतिष्ठित स्थान दिलाया। ‘दीवाना’ में उनकी जोड़ी शाहरुख़ ख़ान के साथ खास थी, और यह फिल्म सुपरहिट साबित हुई। दिव्या की सफलता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि फ़िल्मफ़ेयर मैगज़ीन ने लिखा था कि दिव्या ने सुनील शेट्टी से भी ज्यादा फीस माँगी थी।
फिल्म इंडस्ट्री में दिव्या के बारे में एक और पहलू था – उनकी शरारतें। वो शूटिंग के दौरान अक्सर मस्ती करती रहती थीं, एक बार तो उन्होंने ऋषि कपूर के साथ मजाक करते हुए उनकी गोद में बैठकर शूटिंग की। उनके बारे में कहा जाता था कि शूटिंग के दौरान वे कभी गंभीर नहीं रहती थीं, लेकिन काम में उनका समर्पण बेहद गहरा था।
5 अप्रैल 1993 को दिव्या का निधन हुआ और उनकी मौत ने फिल्म इंडस्ट्री को झकझोर कर रख दिया। उस रात दिव्या अपने घर में थीं और कुछ समय बाद वह बालकनी से गिर गईं। उनके परिवार ने कभी भी इसे आत्महत्या नहीं माना। दिव्या की माँ ने कहा कि वह बहुत शरारती थीं, और मस्ती करते हुए ऐसा हादसा हुआ। यह घटना फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा सदमा था, और उनके चाहने वाले आज भी उनकी यादें संजोए रखते हैं।
दिव्या के माता-पिता ने कहा कि दिव्या के निधन के बाद उनका दिल टूट चुका था। उनके पिता ने यह भी बताया कि दिव्या के निधन के बाद परिवार के सदस्यों के लिए यह घटना इतनी दुखद थी कि उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था कि उनकी बेटी अब इस दुनिया में नहीं रही। दिव्या की मौत के बाद कई अफवाहें भी उड़ीं, लेकिन दिव्या के परिवार ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह एक हादसा था, और उन्होंने कभी आत्महत्या के बारे में नहीं सोचा था।
दिव्या की मौत के बाद भी उनकी विरासत आज भी जीवित है। उनकी फिल्मों, उनके अभिनय और उनकी जिंदादिली को लोग हमेशा याद रखते हैं। उनका नाम भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की चमकती हुई सितारों में रहेगा। उनकी यादें आज भी लाखों लोगों के दिलों में बसी हुई हैं।





Total Users : 13161
Total views : 32012