जब कोई कलाकार अपने सपनों को हकीकत में बदलता है, तो उसकी जीत सिर्फ उसकी नहीं होती, बल्कि वह पूरे समाज और क्षेत्र के लिए गर्व का विषय बन जाती है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के सुवासरा कस्बे के उभरते गीतकार प्रशांत पांडे ने। प्रतिष्ठित आईफा अवॉर्ड्स 2024 में उनके लिखे गीत ‘ओ सजनी रे’ को सर्वश्रेष्ठ गीत लेखन (बेस्ट लिरिक्स) का सम्मान मिला है। यह केवल उनकी मेहनत और लगन का परिणाम नहीं, बल्कि इस बात का प्रमाण है कि छोटे शहरों की प्रतिभा भी वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना सकती है।
प्रशांत पांडे का सफर संघर्षों से भरा रहा है। एक साधारण परिवार में जन्मे प्रशांत को बचपन से ही लेखन का शौक था। स्कूल और कॉलेज के दिनों में उनकी कविताएँ और गीत लोगों का ध्यान आकर्षित करने लगे। लेकिन बॉलीवुड में पैर जमाना आसान नहीं था। बिना किसी गॉडफादर के उन्होंने अपनी प्रतिभा और मेहनत के दम पर इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाई। उनका लेखन भावनाओं की गहराई को दर्शाता है, जो उन्हें अन्य गीतकारों से अलग बनाता है।
प्रशांत पांडे के लिए ‘ओ सजनी रे’ सिर्फ एक गीत नहीं, बल्कि उनके वर्षों की मेहनत का नतीजा है। इस गीत की खासियत इसकी भावनात्मक गहराई, खूबसूरत शब्दावली और संवेदनशीलता है, जिसने श्रोताओं के दिलों में एक खास जगह बना ली। यह गीत प्रेम, वियोग और उम्मीद की भावनाओं को बेहद प्रभावशाली तरीके से व्यक्त करता है।
बॉलीवुड में कई गाने आते-जाते रहते हैं, लेकिन जो गीत दिल को छू ले, वही यादगार बन जाता है। ‘ओ सजनी रे’ उन्हीं गीतों में से एक है, जिसने अपनी शब्दशक्ति से लाखों लोगों को प्रभावित किया है। आईफा अवॉर्ड्स में इसे सर्वश्रेष्ठ गीत लेखन का पुरस्कार मिलना इस बात का प्रमाण है कि एक अच्छा गीत सिर्फ संगीत पर नहीं, बल्कि उसके शब्दों की ताकत पर भी निर्भर करता है।
इस सम्मान के साथ ही प्रशांत पांडे ने न केवल मंदसौर, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश का नाम रोशन किया है। अक्सर छोटे शहरों की प्रतिभाओं को पर्याप्त अवसर नहीं मिल पाते, लेकिन प्रशांत की यह सफलता इस धारणा को बदलने का काम कर रही है। यह उन सभी उभरते लेखकों, कवियों और गीतकारों के लिए प्रेरणा है, जो कला और साहित्य की दुनिया में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं।