26/11 के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा की वापसी:
मुंबई में 26/11 को हुए भयावह आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को आखिरकार भारत लाया गया। 10 अप्रैल 2025 को अमेरिका से एक विशेष विमान द्वारा राणा को दिल्ली लाया गया। इस ऑपरेशन को बेहद गोपनीयता और सुरक्षा के बीच अंजाम दिया गया। विमान ने अपनी उड़ान के दौरान 9 अप्रैल की रात रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट में हॉल्ट किया और अगले दिन सुबह वहां से उड़ान भरते हुए शाम 6:30 बजे दिल्ली के पालम टेक्निकल एयरपोर्ट पर पहुंचा।
क्यों बदला गया रूट और बचा गया पाकिस्तान का एयरस्पेस?
राणा को लेकर आ रही फ्लाइट ने पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से दूरी बनाए रखी। इसके पीछे बड़ी वजह सुरक्षा थी। तहव्वुर राणा खुद पाकिस्तान की सेना में डॉक्टर रह चुका है, इसलिए यह माना जा रहा था कि उसकी सुरक्षा को लेकर किसी भी प्रकार का जोखिम नहीं लिया जा सकता। इसी कारण विमान को यूरोप से होकर खाड़ी देशों के एयरस्पेस से होते हुए अरब सागर के रास्ते गुजरात में प्रवेश कराकर दिल्ली लाया गया।
पालम एयरपोर्ट पर मेडिकल और गिरफ्तारी की औपचारिकता:
दिल्ली पहुंचते ही एनआईए की टीम ने तहव्वुर राणा को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया। सुरक्षा के उच्चतम मानकों का पालन करते हुए एयरपोर्ट पर ही उसका मेडिकल चेकअप भी कराया गया। इस मिशन के दौरान एनएसजी कमांडोज़ और एयर मार्शल जैसे विशेष सुरक्षा अधिकारी फ्लाइट में मौजूद थे, जिनकी पहचान गोपनीय रखी जाती है।
कोर्ट ने राणा को 18 दिन की हिरासत में भेजा:
एनआईए ने अदालत से 20 दिन की हिरासत की मांग की थी, लेकिन विशेष एनआईए जज चंद्रजीत सिंह ने राणा को 18 दिन की हिरासत में भेजा। यह हिरासत इसलिए जरूरी मानी गई क्योंकि जांच एजेंसी का मानना है कि 2008 के हमलों के पीछे की गहरी साजिश को समझने और उस पर कार्रवाई करने के लिए तहव्वुर राणा से पूछताछ करना बेहद जरूरी है।
अमेरिकी कोर्ट ने रास्ता साफ किया:
भारत राणा को तभी वापस ला सका जब अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 4 अप्रैल को उसकी प्रत्यर्पण के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद अमेरिका ने भारत के साथ सहयोग करते हुए उसे सौंप दिया। इस ऐतिहासिक कदम को भारत की न्यायपालिका और सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है





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