बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर उत्तराखंड के टिहरी राजदरबार, नरेंद्र नगर में विशेष पूजा-अर्चना के साथ भगवान बद्रीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि की घोषणा कर दी गई है। धार्मिक परंपराओं और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ आगामी 4 मई की सुबह 6 बजे बद्रीनाथ मंदिर के पवित्र कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए जाएंगे। इस अवसर पर मंदिर के प्रमुख पुजारी रावल अमरनाथ नंबूदरी, बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी विजय थपलियाल सहित कई धार्मिक पदाधिकारी मौजूद रहे। परंपरा के अनुसार, 22 अप्रैल को तिलों का तेल निकालने की प्रक्रिया टिहरी राजमहल में संपन्न होगी, जिसके बाद गाडू घड़ा यात्रा निकाली जाएगी। यह यात्रा डिम्मर पंचायत से होते हुए बद्रीनाथ धाम पहुंचेगी, जहां भगवान बद्री विशाल के महाभिषेक के बाद कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। इसी के साथ चारधाम यात्रा की भी औपचारिक शुरुआत हो जाएगी।
गौरतलब है कि हर वर्ष दिवाली के बाद बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाते हैं। इस बार बद्रीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर 2024 को रात 9 बजे बंद किए गए थे। हिंदू कैलेंडर और खगोलीय गणनाओं के आधार पर कपाट खुलने और बंद होने की तिथियों की घोषणा की जाती है। पिछले वर्ष बद्रीनाथ धाम में 11 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे, जिससे इस वर्ष यात्रा में और अधिक भीड़ की संभावना है। यात्रा मार्ग में ऋषिकेश, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग और पांडुकेश्वर जैसे महत्वपूर्ण पड़ाव होंगे, जहां श्रद्धालु विश्राम कर सकेंगे। बद्रीनाथ धाम की इस पावन यात्रा के लिए प्रशासन ने सभी आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी हैं, जिससे यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।